वाह...पहाड़ में एक ही स्कूल के 5 बच्चों ने पास की सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की परीक्षा..बधाई दें
जिन लोगों को ये लगता है कि सरकारी स्कूलों के हाल कभी नहीं सुधर सकते। निजी स्कूल ही सफलता की गारंटी हैं, उन लोगों के लिए पिथौरागढ़ से आई ये खबर एक जवाब है...
Feb 11 2020 1:13PM, Writer:कोमल नेगी
सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपना काम ईमानदारी से करें तो शिक्षा की तस्वीर बदलते देर नहीं लगेगी। कुछ भी असंभव नहीं है। पिथौरागढ़ के एक सरकारी स्कूल ने इस बात को साबित कर दिखाया है। इस स्कूल के एक-दो नहीं पूरे पांच बच्चे सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए सेलेक्ट हुए हैं। ये बच्चे भविष्य में सेना में अफसर बनेंगे, आईएएस-पीसीएस अफसर बनेंगे। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा पास करना आसान नहीं है। देशभर के बच्चे सालों-साल मेहनत करते हैं। हल्द्वानी के कोचिंग सेंटरों के चक्कर काटते रहते हैं, इसके बाद भी ज्यादातर बच्चे एंट्रेस एग्जॉम में पास नहीं हो पाते। ऐसे में पिथौरागढ़ के सरकारी स्कूल के 5 बच्चों का इस संस्थान के लिए सेलेक्शन होना वाकई बड़ी बात है। पिथौरागढ़ के इस सरकारी स्कूल का नाम है आदर्श प्राथमिक विद्यालय गुरना। ये स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इस स्कूल में पढ़ने वाले प्रसून सिंह ज्याला, हर्ष बहादुर, रिया रावल, शिवांश धानिक और यश मेहता ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की है। यश मेहता वर्तमान में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में पढ़ता है। इन बच्चों की सफलता का श्रेय स्कूल के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र जोशी को जाता है।
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शिक्षक सुभाष चंद्र जोशी ने इस सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल कर रख दी। एक वक्त था जब ये स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंच गया था। इसी दौरान यहां प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र जोशी की तैनाती हुई। उन्होंने स्कूल के लिए कॉन्वेंट स्कूलों वाले सारे संसाधन जुटाए। आज उनकी कोशिशों के सफल नतीजे दिख रहे हैं। इस विद्यालय के बच्चे जिला और राज्य स्तर पर नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए पहचान बना चुका ये स्कूल निजी स्कूलों को मात दे रहा है। क्षेत्र के कई शिक्षा अधिकारी और शिक्षक भी अपने बच्चों को इसी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। अब इस स्कूल के पांच विद्यार्थी प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के लिए चुने गए हैं, राज्य समीक्षा टीम की तरफ से इन होनहार बच्चों और स्कूल के शिक्षकों को ढेरों बधाई। बदलाव की ऐसी कोशिशें जारी रहनी चाहिए।