image: Yashoda kandpal wins gold in athletics

धन्य है पहाड़ की ये शिक्षिका..राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में 3 गोल्ड मेडल जीते, 20 साल बाद यादगार कमबैक

यशोदा कांडपाल की सफलता इसलिए खास है, क्योंकि उन्होंने 20 साल बाद खेल प्रतियोगिताओं में वापसी की है। सालों बाद खेल मैदान में उतरीं यशोदा ने ऊंची कूद, ट्रिपल जंप और बाधा दौड़ में 3 गोल्ड मेडल जीते...
Feb 13 2020 12:02PM, Writer:कोमल नेगी

कुछ हफ्ते पहले एक फिल्म रिलीज हुई थी ‘पंगा’। फिल्म में अभिनेत्री कंगना रणौत एक डॉयलॉग कहती हैं कि ‘मैं एक मां हूं, और मां के कोई सपने नहीं होते’। ये फिल्म एक कबड्डी प्लेयर की कहानी पर आधारित थी, जो कि कई साल बाद एक बार फिर खेल के मैदान में उतरती है, और खुद को साबित करती है। एक ऐसी ही कहानी अपने उत्तराखंड में भी है। उत्तराखंड के रानीखेत में एक शिक्षिका हैं यशोदा कांडपाल। इन्होंने ऑल इंडिया मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दमदार प्रदर्शन कर तीन गोल्ड मेडल जीते हैं। चार दिनों तक चली ऑल इंडिया मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन हरियाणा के पंचकूला में हुआ था। जिसमें शिक्षिका यशोदा कांडपाल ने तीन स्वर्ण पदक जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। आगे भी पढ़ लीजिए

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यशोदा कांडपाल राजकीय जूनियर हाईस्कूल पौड़ा कोठार में बतौर शिक्षिका कार्यरत हैं। उन्होंने ऊंची कूद में गोल्ड मेडल जीतने के बाद ट्रिपल जंप और बाधा दौड़ में भी स्वर्ण पदक जीता। प्रतियोगिता में देशभर के करीब तीन हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। यशोदा कांडपाल की सफलता इसलिए खास है, क्योंकि उन्होंने 20 साल बाद खेल प्रतियोगिताओं में वापसी की है। बीस साल का गैप कम नहीं होता। यशोदा चाहती थीं कि उनके स्कूल के बच्चे खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ें, उन्हें प्रेरित करने के लिए वो 20 साल बाद एक बार फिर खेल के मैदान में उतरीं और कड़ी मेहनत कर तीन गोल्ड मेडल हासिल किए। शिक्षिका की कामयाबी से पूरे जिले में खुशी का माहौल है। शिक्षिका यशोदा कांडपाल अब मई में सिंगापुर में होने वाली प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।


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