उत्तराखंड: मुस्लिम परिवार ने पेश की मिसाल..निकाह के कार्ड पर छपवाई गणेश जी की फोटो, श्लोक
फरियाद हुसैन के बेटे इमरान Imran husein wedding kichha के निकाह का वक्त था। निकाह के कार्ड पर भगवान गणेश की फोटो छपवाई, साथ ही श्लोक भी लिखे गए हैं...देखिए तस्वीरें
Mar 5 2020 1:03AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
आज जहाँ पूरा भारत हिंसा और साम्प्रदायिक दंगों में डूबा हुआ है, उन मुश्किल हालातों में उत्तराखंड निवासी फरियाद हुसैन व उनके बेटे इमरान ने हिन्दू-मुसलमान भाईचारे की एक अविस्मरणीय मिसाल सबके सामने पेश की है। फरहाद हुसैन व उनका परिवार उत्तराखंड के किच्छा नगर के सैंजना गाँव के निवासी हैं। उनके बेटे चार बेटे हैं, इमरान, मोहम्मद उस्मान, जीशान, और फैज़ान। उनके सबसे बड़े बेटे इमरान का निकाह Imran husein wedding kichha पाँच मार्च को होना है। यह विवाह अन्य विवाहों से थोड़ा अलग है। इस विवाह को अलग बनाता है इसका शादी का कार्ड। फरियाद हुसैन ने अपने हिन्दू भाइयों के लिए शादी के कार्ड में खास गणेश जी की फोटो छपवाई है। हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी शुभ कार्य करने से पूर्व भगवान गणेश को याद किया जाता है। फरियाद हुसैन ने यह सराहनीय कदम उठा कर हिन्दू-मुसलमान भाईचारे का सन्देश समाज को दिया है। वे ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, मगर एक शिक्षित वर्ग के लिए उन्होंने एक मिसाल पेश करी है और यह काम करके उन्होंने हिन्दू-मुसलमान की एकता का जीता-जागता उदाहरण दिया है। आगे देखिए तस्वीरें
देखिए शादी का कार्ड
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यह कार्ड जब उनके जानने वाले हिन्दू भाई-बहनों के घर पहुँचा तो उन्होंने फरियाद हुसैन के इस कार्य को बहुत सराहा। अगर हम कार्ड की बात करें तो उसमें भगवान गणेश की शुभ तस्वीर के साथ साथ संस्कृत के श्लोक भी छापे गए हैं जो कि अमूमन हिंदुओं के रीति-रिवाज़ में होता है।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
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फरियाद हुसैन से बातचीत के दौरान ये पता चला कि वे हिन्दू-मुसलमान के बीच बढ़ती नफ़रत को कम करने के लिए उन्होंने यह पहल की। दोनों धर्मों के बीच प्रेम का जन्म हो इसी चीज़ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया जिसको उनके जानने वाले लोगों के बीच तथा आसपास यह बहुत चर्चित जा रहा है।
अमन-चैन की सोच
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फरियाद हुसैन के द्वारा मंगलवार को हिन्दू भाईयों के लिए प्रीतिभोज का आयोजन भी किया गया एवं बुधवार को मुसलमानों के लिए दावत भी रखी है। हम सब यही आशा करते हैं कि फरियाद हुसैन की इस प्रयास के पीछे की सोच जन-जन तक पहुँचे।