खुशखबरी: उत्तराखंड के इस रूट पर चलेगी पहली मेट्रो ट्रेन, जानिए इस प्रोजेक्ट की खास बातें
देहरादून में मेट्रो परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी, लेकिन उत्तराखंड मेट्रो (uttarakhand metro train) सेवा से जुड़ेगा जरूर। पहले चरण के काम में सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे...जानिए इस प्रोजक्ट की खास बातें
Mar 6 2020 2:58PM, Writer:कोमल नेगी
देहरादून के लोग शहर में मेट्रो सेवा शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, पर ये इंतजार कभी खत्म नहीं हुआ। मेट्रो परियोजना ने दून से विदा ले ली। देहरादून भले ही मेट्रो सेवा (uttarakhand metro train) से ना जुड़ पाया हो, लेकिन अपने ऋषिकेश में मेट्रो जरूर चलेगी। मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण बहादराबाद से मुनिकीरेती के बीच किया जाएगा। सरकार ने पहले चरण के काम के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान भी किया है। ये जानकारी उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक जीतेंद्र त्यागी ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि एलआरटीएस आधारित परियोजना के कॉरीडोर की कुल लंबाई 35 किलोमीटर होगी। निर्माण में करीब 3800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें से 50 फीसदी धनराशि केंद्र सरकार देगी। परियोजना की डीपीआर तैयार है। बहादराबाद से मुनिकीरेती के बीच मेट्रो चलेगी। मेट्रो परियोजना का कॉरीडोर बहादराबाद से शुरू होगा, जो कि नेपालीफार्म, ऋषिकेश होते हुए मुनिकीरेती को जोड़ेगा। डीपीआर में अनुमानित किराए के बारे में भी बताया गया है। 0 से 2 किलोमीटर तक के लिए 13, 2 से 6 किलोमीटर के लिए 27 और छह किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए 40 रुपये किराया तय किया गया है। आए जानिए इस प्रोजक्ट की खास बातें
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इसमें यात्री संख्या और किराये जैसे बिंदुओं का आंकलन किया गया है। राज्य कैबिनेट की मुहर के बाद डीपीआर को अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। आपको बता दें कि प्रदेश में लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम (एलआरटीएस) आधारित मेट्रो रेल परियोजना पर वर्ष 2017 से काम चल रहा है, लेकिन बात डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाई। दून में मेट्रो चलाने के खूब दावे किए गए थे। इसके लिए दो कॉरिडोर भी बनाए जाने थे, लेकिन बाद में परियोजना ठप हो गई। अब देहरादून को रोप-वे सेवा से जोड़ने पर विचार हो रहा है। देहरादून में ना सही लेकिन प्रदेश के दूसरे हिस्से मेट्रो सेवा से जरूर जुड़ेंगे। प्रदेश में एक बार फिर मेट्रो (uttarakhand metro train) चलने की उम्मीद जगी है। 100 करोड़ के बजट का प्रावधान भी हुआ है, इस धनराशि को मेट्रो परियोजना की जद में आने वाली भूमि के अधिग्रहण में खर्च किया जाएगा। राज्य कैबिनेट की स्वीकृति के बाद डीपीआर को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।