उत्तराखंड लॉकडाउन: कोरोना के डर से 18000 प्रवासी लौटे पहाड़, गांवों में दहशत का माहौल
उत्तराखंड लॉकडाउन के बीच कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद 1800 प्रवासी उत्तराखंड लौट आए हैं। हालांकि इनकी गांव वापसी ने गांववालों की भी चिंता बढ़ा दी है...पढ़िए पूरी खबर
Mar 27 2020 4:12PM, Writer:कोमल नेगी
इन दिनों हर तरफ बस एक ही शब्द सुनाई दे रहा है ‘कोरोना’। देश 21 दिनों के लिए लॉकडाउन है। हर तरफ खामोशी छाई है। लोग कोरोना के साथ-साथ अजीब से डर का सामना कर रहे हैं। कोरोना के खौफ से डरे प्रवासी भी पहाड़ लौट रहे हैं, हालांकि ये सही नहीं है। कोरोना के खतरे से निपटना है तो जरूरी है कि हम जहां हैं, वहीं रहें। इससे हमारे साथ-साथ दूसरे लोग भी सुरक्षित होंगे, लेकिन लोग ये बात समझ नहीं रहे। प्रवासियों ने नौकरी के लिए पहाड़ को छोड़ दिया था, जो कि शायद उस वक्त सही फैसला भी था। अब कोरोना की मुसीबत के वक्त उन्हें वही पहाड़ सबसे ज्यादा सुरक्षित लग रहा है। मार्च में अब तक 18 हजार से ज्यादा प्रवासी पहाड़ लौट चुके हैं। टिहरी जिले में 256 लोग वापस लौट आए हैं। ये लोग चीन-जापान समेत अलग-अलग देशों में काम करते थे। हालांकि प्रवासियों के घर लौटने से गांवों में दहशत का माहौल है। लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कई जगह से खबरें आ रही हैं कि ग्रामीणों ने इन लोगों के गांव में दाखिल होने का पुरजोर विरोध भी किया। प्रशासन से उनकी मेडिकल जांच की मांग की। आगे जानिए बाकी जिलों का हाल
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टिहरी गढ़वाल का हाल आपने जान ही लिया। यहां 14 मार्च से अब तक 256 लोग अपने घर पहुंच चुके हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले 6268 लोग भी अपने गांव लौट आए हैं। अब बात करते हैं पौड़ी की।
पौड़ी जिले में 6897 प्रवासी अपने गांव पहुंचे हैं। जिनमें तीन लोग दूसरे देशों से लौटे हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में 1800 प्रवासी गांव लौटे हैं। जिन्हें क्वॉरेंटीन केंद्रों में ठहराया गया है।
उत्तरकाशी में विदेश से लौटने वाले लोगों की संख्या 39 है। इसके अलावा देशभर से करीब ढाई हजार लोग वापस अपने गांव लौटे हैं।
चमोली जिले में वापस लौटने वाले प्रवासियों की संख्या करीब 1200 है। जिनमें 57 लोग दूसरे देशों से लौटे हैं।
प्रशासन ने कहा कि वापस लौटे लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई है, इनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले। एहतियात के तौर पर सभी लोगों को अपने घरों में ही क्वॉरेंटीन में रहने की हिदायत दी गई है।