धर्मेंद्र रावत भी चाहते तो दूसरे प्रवासियों की तरह अपने गांव लौट सकते थे, लेकिन मुश्किलभरे वक्त में उन्होंने गुजरात का साथ नहीं छोड़ा। होटल में काम करने वाले धर्मेंद्र इन दिनों गुजरात में गरीब-बेसहारा लोगों का पेट भर रहे हैं...देखिए तस्वीरें
Mar 28 2020 3:36PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ के लोग देश सेवा के लिए ही नहीं मानव सेवा के लिए भी जाने जाते है। इस वक्त पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। 21 दिनों के लिए देश लॉकडाउन है। ऐसे मुश्किल वक्त में भी प्रवासी उत्तराखंडी लगातार लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। ऐसे लोगों की कहानियां आप तक पहुंचाना हमारा फर्ज है, क्योंकि इन्हीं लोगों की वजह से हमारी दुनिया थोड़ी और खूबसूरत नजर आती है। ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं, उसमें दिख रहे शख्स हैं धर्मेंद्र रावत। ये गुजरात के भरुच में रहते हैं। होटल में काम करते हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जब प्रदेश के लोग दौड़-दौड़कर पहाड़ पहुंच रहे थे, ऐसे वक्त में धर्मेंद्र ने भरुच में रहकर ही लोगों की सेवा करने की ठानी। इन दिनों धर्मेंद्र गरीब, असहाय लोगों की मदद में जुटे हैं। राहगीरों का पेट भर रहे हैं। आगे देखिए तस्वीरें
रुद्रप्रयाग जिले के हैं धर्मेंद्र
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धर्मेंद्र रुद्रप्रयाग जिले के सतेराखाल गांव के रहने वाले हैं। कोरोना की टेंशन के बीच धर्मेंद्र जो कर रहे हैं, वो वाकई सराहनीय है।
नेक इरादें हैं, मजबूत हैं रास्ते
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इरादे नेक होंगे तो रास्ते मिल ही जाएंगे। बात करें गुजरात की तो यहां 38 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में भी धर्मेंद्र रावत जैसे लोग अपनी जान खतरे में डालकर गरीब-लाचारों की सेवा में जुटे हैं, जो कि वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
नेक इरादें हैं, मजबूत हैं रास्ते
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इरादे नेक होंगे तो रास्ते मिल ही जाएंगे। बात करें गुजरात की तो यहां 38 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में भी धर्मेंद्र रावत जैसे लोग अपनी जान खतरे में डालकर गरीब-लाचारों की सेवा में जुटे हैं, जो कि वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
ऐसे सच्चे हीरो को सलाम
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राज्य समीक्षा धर्मेंद्र जैसे लोगों को सैल्यूट करता है। समाज के इन सच्चे हीरोज की कहानियां हम आप तक लगातार पहुंचाते रहेंगे। क्योंकि इनका कहा जाना और सुना जाना बहुत जरूरी है। आप भी ऐसे लोगों की कहानियां हम तक जरूर पहुंचाएं।