ब्यो कू न्यूतु..गढ़वाली में छपा शादी का ये कार्ड हुआ वायरल, मां-पिता का बेटी के लिए यादगार काम
उत्तराखंड के मातली गांव के निवासी श्रीमती कमला देवी एवं श्री श्रीपति शाह ने अपनी मीठी बोली में अपनी बेटी का शादी का कॉर्ड छपवा कर कई लोगों के आगे मिसाल पेश की है। आप भी देखिए शादी के इस कार्ड को
Mar 28 2020 10:59PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
वैसे तो हम उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने की खूब बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, मगर क्या वाकई हम उसे बचा पा रहे हैं? क्या हम पहाड़ों से शहरों की तरफ पलायन करने के साथ-साथ अपनी बोली और संस्कृति को भी भूलते जा रहे हैं? या हमें शहर की चकाचौंध, दिखावे वाली ज़िंदगी इतनी पसन्द आ गई है कि हम गढ़वाली या कुमाऊनी को बोलने में हिचकते हैं। देखिये.. कारण जो भी हो, इस बात को मानने से हम कभी इनकार नहीं कर सकते कि पहाड़ों की बोली और संस्कृति पहाड़ी लोग कहीं न कहीं भूल चुके हैं। मगर इन तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बेहतरीन पहल की शुरुआत हुई है जिसके बाद उम्मीद लगाई जा सकती है कि लोग वापिस अपनी संस्कृति और अपनी मृदुल बोली की ओर आएंगे। देवभूमि उत्तराखंड की बोली भी उतनी ही मीठी और मधुर है जितने यहां के लोग। दरअसल सोशल मीडिया में एक शादी का कार्ड वायरल हो रहा है जो कि पूरी तरह से गढ़वाली बोली में छपवाया गया है और जो सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा बटोर रहा है। आगे देखिए ब्यो का कार्ड
देखिए शादी का कार्ड
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इस सराहनीय पहल के पीछे हाथ है उत्तरकाशी के मातली गांव के निवासी श्रीमती कमला देवी एवं श्री श्रीपति शाह। इन्हीं दोनों ने अपनी बेटी राधा का कार्ड शुद्ध गढ़वाली बोली में छपवाया गया है। संस्कृति और बोली को बचाने की केवल बड़ी-बड़ी बातें करने वालों के लिए यह कदम एक मिसाल पेश करता है। 'हे दीनबंधु भगवंत विनती सुणा हमारी, राधा अर विपिन का ब्यो मां किरपा रैली तुुमारी। ये ब्यौ बंधन की शुभ घड़ी मां आप जना किरपालु सज्जन ब्यौला-ब्यौंली ते आशीष देण आला..अर मेरू घर अपणा चरणों से पवित्र करला।' से कार्ड की शुरुआत होती है। लगता है जैसे प्रेम की बौछार हुई हो।
ऐसी पहल जरूरी हैं
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इस कार्ड को पढ़कर कोई शहर की ज़िंदगी मे मशगूल पहाड़ी भी अपनी भाषा की ओर खींचा चला आएगा। कार्ड को गढ़वाली बोली में लिखने का कार्य किया है शैलेंद्र सिंह भैजी ने। यह काफी उम्दा प्रयास है उन तमाम लोगों को ये बताने का ये अपनी बोली, अपनी भाषा को इस्तेमाल करने में कोई शर्म नहीं है। अपितु हमें तो गर्व होना चाहिए कि हम इस देवभूमि की कोख में पैदा हुए हैं। खैर ये गढ़वाली में छपा कार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और तारीफ बटोर रहा है। अपनी बोली से जुड़े रहिये और बेझिझक आम ज़िंदगी मे इसे अहम हिस्सा दीजिये। चलिए अब आपको भी दिखाते हैं श्रीमती कमला देवी एवं श्री श्रीपति शाह की सुपुत्री का शादी का ये अनोखा निमंत्रण कार्ड।