उत्तराखंड: दर्द से बिलखती रही गर्भवती, एंबुलेंस में हुई डिलीवरी..नवजात बच्चे की मौत
जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया। हल्द्वानी ले जाते समय महिला ने एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद ही नवजात की मौत हो गई।
Mar 30 2020 4:11PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने एक और मासूम की जान ले ली। यहां ऊधमसिंहनगर में प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती महिला ने एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया, पर अफसोस की नवजात बच ना सका। जन्म लेने के कुछ ही देर बाद नवजात की मौत हो गई। वहीं महिला की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। वो बेहोश है, उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है। इस मामले में ऊधमसिंहनगर जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। आपको इसके बारे में बताएंगे, लेकिन सबसे पहले पूरा मामला जान लेते हैं। जिले के इंद्रा कॉलोनी में रहने वाली सोनी सिंह प्रेग्नेंट थी। पूरा परिवार घर में नन्हे मेहमान के स्वागत की तैयारियों में जुटा था। शनिवार को सोनी को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे जिला अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में ले गए। सोनी को लगातार ब्लीडिंग हो रही थी, हालत बिगड़ रही थी। आगे पढ़िए
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जिला अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने वही किया जो गंभीर परिस्थिति होने पर पहाड़ के हर अस्पताल के डॉक्टर करते हैं। डॉक्टरों ने इलाज की बजाय महिला को हल्द्वानी रेफर कर दिया। सोनी ने रास्ते में टांडा जंगल के पास एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद नवजात की सांसें थम गई। हल्द्वानी पहुंचने पर डॉक्टरों ने बच्चे को देखा, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सोनी अब भी बेहोश है, उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। सोनी की सास रामा देवी बीजेपी की पूर्व नगर अध्यक्ष रही हैं। उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए। रामा देवी ने कहा कि उनकी बहू की हालत बिगड़ती जा रही थी। समय पर इलाज मिलता तो शायद बच्चा बच जाता, पर डॉक्टरों ने प्रसूता को हल्द्वानी रेफर कर दिया। वहीं जिला अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि प्रसूता की हालत गंभीर थी, जिस वजह से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया था।