उत्तराखंड में ऐसी अफ़वाहों पर ध्यान न दें, कोयले से कोरोना का इलाज अंधविश्वास है..देखिए वीडियो
उत्तराखंड में हाल ही में एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें कोयले का टीका लगाने से कोरोना को रोका जा सकता है। वैज्ञानिकों, ज्योतिषियों और पुजारियों ने इसे अफवाह का दर्जा देते हुए सिरे से खारिज करदिया। पढ़िये पूरी खबर..वीडियो भी देखिए
Mar 30 2020 5:20PM, Writer:थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट, लेखिका-नुष्का ढौंडि
विश्वास होना अच्छा है, अंधविश्वास होना उतना ही खतरनाक। अंधविश्वासी विज्ञान और तर्कों को हर तरीके से नकार चुके हैं। इस मुश्किल घड़ी में जब कोरोना ने तमाम मुश्किलें खड़ा कर दी हैं, उस मुश्किल घड़ी में भी कई लोग अंधविश्वास फैला कर लोगों के बीच दहशत पैदा करने का काम कर रहे हैं। वैश्विक महामारी से लोग वैसे ही परेशान हैं, ऊपर से उड़ती-उड़ती अफवाहों का आना चिंताजनक बात है। सोशल मीडिया ऐसे अंधविश्वासों की चिंगारी को आग का रूप देने में तनिक भी देर नहीं लगाता। हाल ही में पिथौरागढ़ से एक विडियो सोशल मीडिया पर भरपूर वायरल हुई थी। वीडियो में कुछ लोग ज़मीन से कोयला निकाल रहे हैं और उसका टीका माथे पर लगा रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से कोरोना से बचा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसका असर गढ़वाल में दिख रहा है। कुमाऊं के अल्मोड़ा से लेकर गढ़वाल के चमोली जिले के थराली देवाल सहित नारायणबगड़ में भी फल्दियागांव ,बैनोली,देवल,थराली गांव,कल्याणी,नारायणबगड़, पंती,माल बज्वाड़ सहित कई अन्य गांवों में भी लोगों ने अपने घरों के सामने खुदाई कर ऐसी वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड की हैं। आगे भी पढ़िए और वीडियो भी देखिए
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बहुत लोग इस खबर की बिना-जांच परख किये इसके चंगुल में फंस गए और सच मान लिया। क्या आपने भी तो उस वीडियो को सच तो नहीं मान लिया? अगर हां तो यह खबर आपका भी भ्रम तोड़ेगी। दरअसल विज्ञान के विशेषज्ञों ने, ज्योतिषियों ने इस खबर को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि यह सब बातें अवैज्ञानिक है, तथ्यों से परे है और इसके एक प्रतिशत भी सच होने की संभावना नहीं है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब जमकर वायरल हुई थी। उस वीडियो में बताया जा रहा है कि कोरोना से बचने के लिए जमीन के नीचे से कोयला निकाल कर उसका टीका लगाने का उपाय बताया गया था। कहा जा रहा है कि काली माता ने एक पांच साल की बच्ची में अवतरित होकर कोरोना से बचाव के लिए यह उपाय बताया था। आगे देखिए वीडियो
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विडियो के सोशल मीडिया पर आते ही यह लोगों के बीच चर्चित होना शुरू हो गयी। लोगों को सच में लगा कि इससे कोरोना उनके आसपास भी नहीं फटकेगा। वैज्ञानिकों ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है। और तो और ज्योतिषों और पुजारियों ने भी इस बात को भ्रामिक करार दे दिया है। श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नवीन चन्द्र जोशी ने कहा है कि लोगों को इस तरह की अफवाहों पर ध्यान देने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। इस बात का शास्त्र पूरी तरीके से खण्डन करता है, और पुजारी और ज्योतिष समाज के द्वारा भी इस बात को नकार दिया गया है। जमीन के नीचे से निकले कोयले से कोरोना का इलाज की बात अवैज्ञानिक होने के साथ-साथ औचित्यहीन है। इसलिए आप भी संयम बरतें और ऐसी अपवाहों पर ध्यान न दें। अफवाह से भरा ये वीडियो औचित्यहीन है..देखिए