उत्तराखंड में खतरा शुरू: दिल्ली मरकज से मसूरी लौटे 5 जमाती, नैनीताल लौटे 8 जमाती
निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने के बाद कई जमाती उत्तराखंड लौटे हैं। ये खबर फैलने के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है।
Apr 1 2020 12:28PM, Writer:कोमल नेगी
निजामुद्दीन मरकज का उत्तराखंड कनेक्शन सामने आने के बाद से हर जिले में हड़कंप मचा हुआ है। खुफिया विभाग की टीम जमात में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। निजामुद्दीन मरकज में उत्तराखंड के 26 लोगों के शामिल होने की बात की पुष्टि हो चुकी है। खुफिया तंत्र की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच मे पता चला कि प्रदेश के 280 लोग अभी जमात में बाहर गए हुए हैं। जमात में देहरादून, मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार समेत लगभग हर जिले के लोग शामिल हैं। जो लोग जमात से वापस लौटे हैं, उन्हें ट्रेस किया जा रहा है। मसूरी में जमात से लौटने वाले पांच लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेस कर लिया है। इसी तरह नैनीताल में भी 8 लोग मिले, जो कि तब्लीगी जमात में हिस्सा लेकर लौटे थे। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक मसूरी में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों को मल्लीताल में देखा गया था। जिसकी जानकारी क्षेत्र के लोगों ने तुरंत पुलिस को दी। देर रात पुलिस और डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और जमाती सहित उनके परिवार के सदस्यों को जांच के लिए अपने साथ ले गई। आगे पढ़िए नैनीताल का हाल
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में 'कोरोना' जेहाद ने रखे कदम? दिल्ली के मरकज से मरघट न बन जाए देवभूमि
नैनीताल में भी 8 लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए। 31 मार्च को जारी हुई लिस्ट में इनके नाम शामिल हैं और इनकी कॉन्टेक्ट हिस्ट्री भी है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के 280 लोग अभी जमात में बाहर गए हुए हैं। ये लोग पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहगनर, उत्तरकाशी और टिहरी जिले के रहने वाले हैं। जमात में हिस्सा लेकर उत्तराखंड लौटने वाले लोग प्रदेश के लिए ‘कोरोना बम’ साबित हो सकते हैं, क्योंकि तब्लीगी जमात के कई लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। निजामुद्दीन स्थित मरकज में आए लोगों से देशभर में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका है। बता दें कि निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का मरकज 16-24 मार्च तक आयोजित था। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगने के बाद 23 मार्च को कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए मरकज समाप्ति की घोषणा कर दी गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार 1000 से भी ज्यादा लोग वहीं रह गए थे। जिन्हें दो दिन पहले निकाला गया।