उत्तराखंड: मुंबई से पैदल चलकर पहाड़ में अपने गांव पहुंचे दो युवक, बताई दुख भरी कहानी
सफर महाराष्ट्र से शुरू हुआ..तो किसी से लिफ्ट मांगकर और ज्यादातर पैदल चलकर चमोली जिले के युवक अपने गांव पहुंचे ...पढ़िए ये खबर
Apr 1 2020 9:00PM, Writer:थराली से मोहन गिरी की रिपोर्ट
चमोली जिले का ग्वालदम क्षेत्र...ये क्षेत्र बागेश्वर जिले की सीमा से लगता हुआ चमोली जिले का अंतिम गांव है। यहां दूसरे जिलों से आने वाले लोगो की पूछताछ के लिए लॉकडाउन के समय पुलिस मुस्तैद है। हर आने जाने वाले से पुलिस पूछताछ कर ही आगे बढ़ने की अनुमति से रही है। 1 अप्रैल को दोपहर बाद पुलिस ने दो युवकों को थाना थराली की पुलिस चौकी पर रोका। इसके बाद उन युवकों से पूछताछ की गई। युवकों से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि दोनों युवक मुम्बई से अपने गांव तहसील देवाल के गांव बोरागाड जा रहे थे। दोनो युवको ने पुलिस को दी गयी जानकारी में बताया कि 21 मार्च को ही दोनो महाराष्ट्र से चले थे और लिफ्ट मांग कर जैसे तैसे मुरादाबाद पहुंच गए। 24 मार्च को मुरादाबाद से दोनों युवक पैदल ही निकल अपने गांव के लिए निकल पड़े। नवें दिन आखिरकार दोनो युवक ग्वालदम सीमा पर पहुंचे तो बैरियर पर पुलिस से बचने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने पूछताछ की तो दोनों युवकों ने सारी हकीकत बयां कर अपने गांव बोरागाड़ देवाल आने की बात कही। दोनों युवकों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते वाहनों की आवाजाही नही हो रही है जिसके चलते उन्हें पैदल ही मुरादाबाद से ग्वालदम की दूरी नापनी पड़ी। आगे देखिए तस्वीरें
पैदल ही चल पड़े
1
/
पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ग्वालदम में चिकित्सकीय परीक्षण करा कर एहतियातन सतर्कता बरतते हुए गेस्ट हाउस में क्वारंटीन के लिए भेज दिया
क्वारेंटीन में रखा गया
2
/
दोनों युवकों की उम्र 32 वर्ष और 34 वर्ष बताई जा रही है। इनमें से एक देवाल विकासखण्ड के कोटेडा और दूसरा लिंगड़ी गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। फिलहाल दोनों क्वारेंटीन किए गए हैं।