पहाड़ के इस स्कूल में शिक्षकों का शानदार काम, लॉकडाउन में छात्रों को घर बैठे Whatsapp से पढ़ाएंगे
कोरोना वायरस के चलते पहाड़ के इस स्कूल ने नए सत्र के लिए व्हाट्सएप क्लासेस लेने का निर्णय लिया है। बच्चों की पढ़ाई जारी रखवाने का एक अनूठा उपाय शिक्षकों ने निकाल लिया है।
Apr 2 2020 10:24PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
कोरोना वायरस के चलते उत्तराखंड में लॉकडाउनप है। जाहिर है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। लेकिन पिथौरागढ़ में स्थित न्यू बीयरशेबा पब्लिक स्कूल (beersheba school pithoragarh) ने नए सत्र के लिए व्हाट्सएप क्लासेस लेने का निर्णय लिया है। जब लॉक डाउन के चलते तमाम स्कूलों और विश्विद्यालयों को 21 दिन के लिए बंद कर दिया गया है, ऐसे प में घोषित कर दिया गया है। खुद भारत भी इस वायरस से स्वयं को बचा नहीं पाया। इस वायरस के चलते पूरे देश में 21 दिन के लिए लॉकडाउन जारी कर दिया गया है। लॉकडाउन की इस लंबी अवधि में सभी स्कूल और विश्वविद्यालय बंद रहेंगे। उत्तराखंड के भी सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को 21 दिन तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। बच्चों की पढ़ाई में इतना लम्बा अंतराल नुकसानदायक है। आगे पढ़िए
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स्कूलों के खुलने की फिलहाल कोई सम्भावना नहीं है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई में बड़ा नुकसान होने की संभावना है। मगर आधुनिकता के इस दौर में कुछ भी असम्भव नहीं है। अगर स्कूल नहीं तो घर मे उपलब्ध मोबाइल के ज़रिए भी पढ़ाई हो सकती है ये साबित किया है पिथौरागढ़ के न्यू बीयरशेबा स्कूल ने। व्हाट्सएप के जरिये उन्होंने बच्चों को घर पर ही पढ़ाने की योजना तैयार कर ली है। न्यू बीयर शिवा पब्लिक स्कूल ने यह पहल करके कई अभिभावकों की चिंता को दूर किया। दरअसल उन्होंने सभी क्लास के बच्चों के लिए अलग-अलग व्हाट्सएप्प ग्रुप बनवा लिए हैं। बच्चे घर से ही सहूलियत के साथ पढ़ सकते हैं। सभी क्लास टीचर्स को अपने-अपने क्लास के ग्रुप का एडमिन बनाया गया है। इन ग्रुप पर हर रोज स्टडी मैटेरियल डाला जाएगा और बच्चे इन्हीं स्टडी मैटेरियल के द्वारा घर पर ही अध्ययन कर पाएंगे।
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खास बात ये है कि न्यू बीयरशेबा स्कूल (beersheba school pithoragarh) के बच्चे साथ ही साथ ग्रुप में स्टडी मैटेरियल से संबंधित सवाल भी पूछ सकेंगे। क्लास टीचर ग्रुप में ही उन सवालों का जवाब देंगी। ग्रुप में बच्चों का नियमित रूप से मूल्यांकन भी किया जाएगा। जब इस पहल के बारे में विद्यालय के निदेशक भुवन भाकुनी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के पढ़ाई करने की आदत नहीं छूटेगी और वे रोज टीचर के द्वारा उपलब्ध कराए गए स्टडी मैटेरियल से स्व अध्ययन कर पाएंगे। साथ ही साथ टीचर्स को बच्चों से फोन के द्वारा भी संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। लॉकडाउन भी बच्चों की पढ़ाई में विघ्न नहीं डाल सकता है यह साबित कर दिया है न्यू बीयरशेबा स्कूल ने। आधुकनिकता के इस दौर में उनकी इस पहल ने और भी विद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य किया है। इस काम के लिए बधाई।