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उत्तराखंड: मातृत्व अवकाश छोड़कर फर्ज निभाने ड्यूटी पर लौटी ये डॉक्टर, पहाड़ के लोगों ने दी दुआएं

देश पर कोरोना की वजह से आये हुए संकट को देखते हुए आठ माह के बच्चे को छोड़ कर आधे अवकाश में ही ड्यूटी में वापसी की गढ़वाल की डॉ. अंकिता ने। पढ़िए पूरी खबर
Apr 9 2020 10:12PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

देवभूमि की बेटियों ने हमेशा पहाड़ों का नाम रौशन किया है। वो बेटियां जिनके लिए देश की सेवा करने से अधिक जरूरी और कुछ भी नहीं है। ऐसे फाइटर्स को दिल से सलाम, जो पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की परवाह न करते हुए देश की सेवा करने के लिए सदैव तैयार रहती हैं। देवभूमि की ऐसी ही बेटी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं। देहरादून निवासी डॉ. अंकिता 31 मार्च तक मातृत्व अवकाश पर थीं। आठ माह के छोटे से बच्चे को इस उम्र में मां के देखभाल की सख्त जरूरत होती है। उनके अवकाश के दिनों में ही कोरोना ने भारत में असर दिखाना शुरू कर दिया था और तेजी से फैल रहा था। जैसे ही अंकिता को कोरोना से देश मे होने वाली समस्याओं के बारे में पता लगा तो अंकिता ने सन्तान मोह को परे रखा। देश पर आई मुसीबतों से लड़ने के लिए, लोगों की जान बचाने के लिए डॉ. अंकिता तैयार हो गई। पहाड़ की एक जिम्मेदार डॉक्टर होने के नाते अवकाश समाप्त होने से पहले ही अंकिता 15 मार्च को अपने 8 माह के बच्चे को छोड़कर लोगों की सेवा करने के सिए वापस लौट आईं।

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टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक स्थित लंबगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर अंकिता ने कई लोगों के आगे देशप्रेम की जीवित मिसाल पेश की है। ऐसे फाइटर्स की वजह से ही हम कोरोना से लड़ने में कामयाब हो पाएंगे। दरअसल कोरोना के बाद से ही वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के ऊपर भारी दबाव है जिसके चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर ज़िम्मेदारी बढ़ गयी है। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों और स्टाफ को परिवार के लिए वक्त नहीं मिल पा रहा है। अंकिता ने भी देश को मुश्किल परिस्थितियों से जूझते देख अपने मात्र 8 माह के शिशु को छोड़ कर आधे अवकाश में ही ड्यूटी वापस जॉइन करने का निर्णय लिया। पेशे से दंतचिकित्सक अंकिता बताती हैं कि यह समय छुट्टियां बिताने का नहीं बल्कि देश की सेवा करने का है। इसलिए समाज के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए मैं 15 मार्च को ही आधे अवकाश में ड्यूटी करने सीएचसी पहुंच गई। डॉ. अंकिता देश के प्रति जो जिम्मेदारी निभा रही हैं वो प्रशंसनीय और प्रेरणादायक है।


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