उत्तराखंड: मोदी टिफिन लेकर जा रहे थे गोपाल बिष्ट, बंदरों ने सिर पर गिराए पत्थर
बागेश्वर में मोदी टिफिन लेकर घर-घर पहुंचाने जा रहे एक व्यक्ति के ऊपर बंदरों ने पहाड़ से पत्थर फेंका जिससे वो से घायल हो गए हैं। पढ़िये पूरी खबर-
Apr 18 2020 2:10PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
पहाड़ों पर बंदरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। खाली पड़े गांव और घरों में बंदरों ने कब्जा कर रखा है। वह इतने उद्दंडी हैं कि घरों में घुस-घुस कर लोगों के ऊपर हमला कर रहे हैं। हर कोई बंदरों से परेशान हैं। पहले तो केवल बन्दर खेतों और खलिहानों को ही बर्बाद करते थे अब तो वे खुलेआम लोगों के ऊपर जानलेवा हमला कर रहे हैं। हाल ही में अल्मोड़ा में एक बंदर से बुजुर्ग महिला के ऊपर हमला कर दिया। कुछ महीनों पहले हरिद्वार में बंदरों ने एक युवती के ऊपर हमला करदिया और उसे मौत के घाट उतार दिया। बंदरों के आतंक को दर्शाती एक और घटना बागेश्वर जिले से भी आ रही है। जागरण की खबर के मुताबिक बागेश्वर जिले में एक आदमी के ऊपर बंदरों ने पत्थर फेंक दिए, जिसके बाद आदमी गम्भीर रूप से घायल हो गया है। वो तो अच्छा हुआ कि वहां के स्थानीय लोगों ने पीड़ित व्यक्ति की मदद करी और उनको पास के जिला अस्पताल ले जाया गया। आगे पढ़िए इस बारे में पूरी डिटेल
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जानकारी के मुताबिक मेहनरबूंगा निवासी 46 वर्षीय गोपाल बिष्ट अपनी स्कूटी के जरिये मोदी टिफिन जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे थे। आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान मोदी टिफिन सर्विस के अंतर्गत उन लोगों को खाना उपलब्ध कराया जाता है जो लोग जरूरतमंद और गरीब हैं। गोपाल बिष्ट नुमाइशखेत की तरफ जा रहे थे और वहीं पर बंदरों का झुंड पहाड़ी पर बैठा हुआ उन पर नजर बनाए हुए था। मौका देख कर वहां बैठे बंदरों ने गोपाल बिष्ट के ऊपर पत्थर से जोरदार प्रहार किया और वो पत्थर सीधा उनके सिर पर लगा। वो तो गनीमत है कि गोपाल बिष्ट ने हेलमेट पहना हुआ था नहीं तो उनको सिर पर बहुत ही गहरी चोट लगने की सम्भावनाएं थीं। वह पत्थर उनके चेस्ट पर भी जोर से लगा जिससे गोपाल सिंह बिष्ट गम्भीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों के द्वारा उनको जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनका उपचार चल रहा है। डॉ. राजेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि जरूरत पड़ी तो एक छोटा सा ऑपरेशन भी किया जाएगा। पहाड़ों पर बेखौफ घूमते जानलेवा बंदरों को लेकर प्रशासन को जल्द ही कुछ कड़े कदम उठाने होंगे नहीं तो भविष्य में परिस्थितियां और भी चिंताजनक हो सकती हैं।