गौरवशाली पल...पहाड़ के इस संस्थान का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज
पिछले 55 सालों के दौरान यह संस्थान नई उपलब्धियों के पहाड़ खड़े कर चुका है...आगे पढ़िए पूरी खबर
Apr 19 2020 7:53AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के खाते में एक और शानदार उपलब्धि दर्ज हो गई है। गंगोत्री क्षेत्र की चार अनाम चोटियों को एक साथ फतह करने पर संस्थान का नाम लिम्का बुक ऑफ इंडिया रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। संस्थान के पर्वतारोहियों ने दो साल पहले गंगोत्री की 4 अनाम चोटियों पर जीत का परचम लहराया था। इससे पहले इन चोटियों के बारे में ना तो कोई जानता था और ना ही किसी ने इन्हें नापने की कोशिश की थी। अक्टूबर 2018 में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और निम के संयुक्त तत्वाधान में पर्वतारोण अभियान हुआ था। अभियान के दौरान पर्वतारोहियो की टीम ने गंगोत्री घाटी स्थित 6566 मीटर, 6557 मीटर, 6126 मीटर और 6086 मीटर ऊंची चार अनाम और कभी न चढ़ी गई चोटियों पर तिरंगा फहराया। इस टीम का नेतृत्व निम के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने किया था। इस शानदार उपलब्धि के लिए निम का नाम लिम्का बुक ऑफ इंडिया रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।
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जिसका प्रमाण पत्र कुछ ही दिन पहले संस्थान के अधिकारियों को मिला। प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि यह अपने आप में बड़ा कीर्तिमान है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने आईएमएफ से इस अभियान की जानकारी जुटाकर इसका परीक्षण किया था। कुछ दिन पहले इस उपलब्धि के लिए संस्थान को प्रमाण पत्र सौंपा गया है। निम की तरफ से साल 2019 में गंगोत्री क्षेत्र में किये गए मुम्बा पीक अभियान को भी लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए भेजा गया है। आपको बता दें कि 14 नवंबर 1965 में स्थापित हुए निम संस्थान ने पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान माउंटेनियरिंग, स्कीइंग, रॉक क्लाइंबिंग जैसे साहसिक खेलों की ट्रेनिंग के लिए विख्यात है। दुनिया के मशहूर पर्वतारोही यहां से ट्रेनिंग ले चुके हैं। पिछले साल नवंबर में निम ने अपना 55वां स्थापना दिवस सेलिब्रेट किया था। यहां स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग एवं शोधपरक अभियानों पर भी कार्य किया जा रहा है।