उत्तराखंड: 82 जमाती अब होम क्वारेंटाइन होंगे, बाहर निकले तो दर्ज होगा मुकदमा
गैंडीखत्ता बस्ती पिछले कई हफ्ते से सील है। यहां के 98 जमातियों को कलियर के क्वारेंटीन सेंटर में रखा गया था। मंगलवार की रात इनमें से 82 वन गुर्जरों को छोड़ दिया गया। इन्हें होम क्वारेंटाइन रहने को कहा गया है, घर से बाहर निकले तो केस दर्ज होगा...
Apr 22 2020 7:39PM, Writer:कोमल नेगी
तीर्थनगरी हरिद्वार...कुंभ और मोक्ष के लिए प्रसिद्ध ये जगह पिछले कुछ हफ्तों से कोरोना संक्रमण को लेकर सुर्खियों में है। प्रदेश में कोरोना के जो रेड जोन जिले हैं, उनमें हरिद्वार भी शामिल है। सात जमातियों में कोरोना संक्रमण मिलने के बाद यहां वन गुर्जर बस्ती के 98 लोगों को कलियर के क्वारेंटीन सेंटर में रखा गया था। मंगलवार की रात इनमें से 82 वन गुर्जरों को छोड़ दिया गया। अब इन्हें 28 दिन तक होम क्वारेंटीन रहना होगा। हरिद्वार की गैंडीखत्ता की वन गुर्जर बस्ती पूरी तरह सील है। यहां अब भी पाबंदियां लगी हैं, लेकिन शासन ने संकेत दिए हैं कि बस्ती के लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिलेगी। दूध की बिक्री पर लगी पाबंदी भी हटा दी जाएगी। आपको बता दें कि वन गुर्जर बस्ती में रहने वाले 98 लोगों को 1 से 3 अप्रैल के बीच कलियर में संस्थागत क्वारंटीन किया गया था। स्वास्थ्य जांच में इनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले। पिछले हफ्ते जब हरिद्वार के लक्सर और भगवानपुर में दो लोग कोरोन पॉजिटिव मिले तो इन लोगों की दोबारा जांच कराई गई।
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सब ठीक पाए जाने पर जिला प्रशासन ने 82 लोगों को मंगलवार की रात छोड़ दिया। इन्हें सरकारी वाहनों से घर तक छोड़ा गया। प्रशासन ने इन्हें घर पर रहने को कहा है, साथ ही ये भी कहा कि अगर वो घर से बाहर निकले तो उनके खिलाफ केस दर्ज होगा। वन गुर्जर अब भी 28 दिन तक होम क्वारेंटीन रहेंगे, साथ ही उन्हें हर दिन हेल्थ स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। बस्ती में खेती से जुड़े कामों को प्रशासन ने छूट दे दी है। जल्द ही दूध की बिक्री की भी अनुमति दी जाएगी। गैंडीखत्ता के लोग सिर्फ खेती और दूध बेचकर गुजारा करते हैं, बस्ती के सील होने के बाद इनकी फसल बर्बाद हो गई। दूध की बिक्री भी नहीं हो पाई। इसलिए फिलहाल सभी पाबंदी हटने का इंतजार कर रहे हैं।