धन्य हैं गढ़वाल की रिटायर्ड टीचर मनोरमा घिल्डियाल, पहाड़ का गौरव हैं ऐसी महिलाएं
पौड़ी मुख्यालय स्थित ओजली निवासी प्रधानाध्यापिका मनोरमा घिल्डियाल ने कोरोना महामारी के चलते प्रधानमंत्री राहत कोष में 1 लाख रुपये की धनराशि देकर मानवता की मिसाल पेश की है।
Apr 22 2020 9:05PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
विश्वभर में कोरोना की वजह से त्रासदी छा रखी है। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा है। पहाड़ के ऊपर आयी इस विकट परिस्थिति में पहाड़ की औरतें अपना पूर्ण योगदान दे रही हैं। जब-जब राज्य के ऊपर संकट आता है तब-तब देवभूमि में जन्मीं औरतों ने इसकी रक्षा की है। चाहे वो अपने जिगर के टुकड़ों को देश के लिए न्योछावर करना हो या अपनी सारी जमा-पूंजी देश के लिए दान करनी हो, पहाड़ की औरतें कभी पीछे नहीं हटतीं। चाहे वह चमोली जिले के गोचर की देवकी दादी हो जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी की जमा पूंजी 10 लाख रुपये हंसते-हंसते पीड़ितों के नाम कर दिए फिर शांति देवी गुसाईं हों जिन्होंने समय संकट के समय असहाय और जरूरतमन्द लोगों के लिए 1 लाख की धनराशि दान की है। ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है पौड़ी मुख्यालय स्थित ओजली निवासी प्रधानाध्यापिका मनोरमा घिल्डियाल ने। आगे पढ़िए
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आपको बता दें 65 वर्षीय मनोरमा घिल्डियाल प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं और फिलहाल सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में 1 लाख रुपये की धनराशि दान में की है। सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापिका मनोरमा घिल्डियाल आज ने अपनी पेंशन से यह धनराशि जमा की है। उन्होंने कहा है कि आज पूरे देश भर में कोरोना की महामारी के चलते जरूरतमंदों और गरीबों को मदद की बेहद जरूरत है। ऐसे बहुत मजदूर और गरीब हैं जो विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में सभी को ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। आपको बता दें कि मनोरमा घिल्डियाल को 2008 में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए राष्ट्रपति की ओर से नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। साथ ही वह 2016 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटि से प्रधानाध्यापिका के पद से रिटायर हुई हैं। 1 लाख रुपये की बड़ी राशि दान में करके देश के प्रति जो प्रेम उन्होंने दिखाया है वो सराहनीय है।