उत्तराखंड: पिता कैंसर के कारण दुनिया से चले गए, बेटा इस तरह कर रहा है देशसेवा
संजय ने सिविल सेवा परीक्षा पास की है और इन दिनों वो ट्रेनिंग पर हैं। शनिवार को लंबी बीमारी के बाद संजय के पिता का निधन हो गया। संजय व्यक्तिगत पीड़ा से गुजर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने लोगों की मदद करना नहीं छोड़ा...
Apr 23 2020 3:28PM, Writer:कोमल नेगी
जिंदगी किसी के लिए नहीं रुकती, पर लॉकडाउन के दौरान लगता है कि वक्त थम सा गया है। लोग घरों में कैद हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो कि खुद मुश्किल में होने के बावजूद दूसरे लोगों के चेहरे पर मुस्कान बनाए रखने में जुटे हैं। ऐसे ही कुछ लोगों की कहानी नैनीताल के लालकुआं से आई है। जहां संजय सिंह और पीयूष जोशी फाइट अगेंस्ट COVID-19 मुहिम के जरिए लोगों की मदद में जुटे हैं। सबसे पहले आपको संजय सिंह के बारे में बताते हैं। संजय बिंदुखत्ता के रहने वाले हैं। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की है और इन दिनों वो ट्रेनिंग पर हैं। जल्द ही अफसर बन जाएंगे। जब पूरे देश मे लॉकडाउन हुआ तो संजय की एकेडमी को भी आइसोलेशन सेंटर बना दिया गया। जिसके बाद संजय वापस गांव लौट आए और अपने कैंसर पीड़ित पिता की देखभाल करने लगे। आगे पढ़िए
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इसी बीच उन्हें हल्दूचौड़ निवासी पीयूष जोशी द्वारा चलाए जा रहे कैंपेन फाइट अगेंस्ट कोविड-19 के बारे में पता चला। संजय भी इस मूवमेंट से जुड़ गए गरीब-बेसहारा लोगों की मदद करने लगे, लेकिन संजय की जिंदगी का असली इम्तिहान अभी बाकी था। बीते शनिवार लंबी बीमारी के बाद संजय के पिता का निधन हो गया। संजय इस वक्त व्यक्तिगत पीड़ा से गुजर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने लोगों की मदद करना नहीं छोड़ा। पीयूष जोशी और संजय की टीम अब तक 600 गरीब परिवारों की मदद कर चुकी है। लोगों को 18 क्विंटल राशन बांट चुकी है। संजय कहते हैं कि सेवा को सर्वोच्च मानने की सीख उन्हें अपने पिता से मिली। पिता कैंसर से जंग भले ही हार गए हों, लेकिन हमारा देश कोरोना से जरूर जीतेगा। फाइट अगेंस्ट कोविड-19 के स्टेट कॉर्डिनेटर पीयूष जोशी ने भी संजय के प्रयासों को सराहा। चलिए अब आप दो नंबर नोट कर लीजिए। अगर आप नैनीताल में रहते हैं और वहां किसी जरूरतमंद को मदद की जरूरत हो तो 8909039409 या 9999494360 पर संपर्क करें। फाइट अगेस्ट कोविड-19 की टीम जरूरतमंदों तक हरसंभव मदद पहुंचाएगी।