उत्तराखंड: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजक्ट के काम को मिली मंजूरी.. 3 जिलों में काम शुरू
निर्माण कार्य की मंजूरी मिलने के साथ ही रेल विकास निगम ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजक्ट (Rishikesh karnprayag project ) का काम शुरू कर दिया। लॉकडाउन खुलने के बाद दूसरे क्षेत्रों से भी मजदूर बुलाए जाएंगे। आगे पढ़िए पूरी खबर
Apr 24 2020 11:09AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के लिए लॉकडाउन आर्थिक रूप से तोड़ देने वाला साबित हो रहा है। अब राज्य सरकार ने प्रदेश को इस संकट से उबारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के साथ-साथ उद्योगों को सशर्त मंजूरी मिल गई है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (Rishikesh karnprayag project ) का काम भी शुरू हो गया है। लॉकडाउन के चलते पिछले एक महीने से सभी परियोजनाओं का काम रुका हुआ था। केंद्र की गाइड लाइन के बाद कई परियोजनों का काम दोबारा शुरू हो गया। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर भी काम होने लगा है। मंजूरी मिलने के साथ ही रेल विकास निगम ने देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले में रेल परियोजना का काम शुरू कर दिया है। हालांकि इस वक्त परियोजना में सिर्फ मौजूदा मजदूरों से ही काम लिया जा रहा है। लॉकडाउन खुलने के बाद दूसरे क्षेत्रों से भी मजदूर बुलाए जाएंगे। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 16 पुलों और 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच कुल 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाने हैं। इसमें सबसे बड़ा स्टेशन 13 लाइन का योगनगरी ऋषिकेश होगा, जबकि सबसे छोटा तीन लाइन का स्टेशन सौड़ देवप्रयाग में बनाया जाएगा।
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कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। चारधाम यात्रा भी सरल और सुगम होगी। परियोजना का पहला स्टेशन योगनगरी ऋषिकेश बनकर तैयार है। योगनगरी ऋषिकेश और वीरभद्र स्टेशन के बीच बिछाई गई रेल लाइन को कमिश्नर रेल सेफ्टी की तरफ से संचालन के लिए अनुमति मिल चुकी है। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद जब देशभर मे लॉकडाउन लगा तो परियोजना का काम बंद कर दिया गया था। जिसके चलते कई श्रमिक अपने राज्य लौट गए। हालांकि कई श्रमिक लॉकडाउन के दौरान कार्यस्थल के पास ही रह रहे हैं। परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए रेल विकास निगम ने शासन से अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद परियोजना (Rishikesh karnprayag project ) का काम शुरू हो गया है। ऋषिकेश, टिहरी, शिवपुरी, मलेथा और पौड़ी जिसे से सटे इलाकों में परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।