image: khatima baljit Singh ready to donate body for corina vaccine testing

उत्तराखंड में ऐसे PCS अफसर भी हैं, कोरोना वैक्सीन टेस्ट के लिए देहदान करने को तैयार

बलजीत सिंह ने कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए अपनी देह दान में करने की इच्छा जताई है। वीडियो भी देखिए
Apr 25 2020 7:04PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

कोरोना वायरस ने विश्व भर में त्रासदी मचा रखी है। ऐसा वायरस जिसने सबको घरों में कैद करके रखा हुआ है। यह वैश्विक महामारी घोषित हो चुकी है। इसकी वैक्सीन अभी तक नहीं मिल पाई है मगर विश्व भर में डॉक्टर्स इसकी वैक्सीन ढूंढने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। भारत में भी कोरोना की वैक्सीन खोजी जा रही है ताकि जल्द ही परिस्थितियां काबू में आएं। इस मुश्किल समय में कुछ ऐसे आम इंसान भी हैं जो देश की मदद करना चाहते हैं। ऐसे में कई मानवीय चेहरे सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मानवता का जीता-जागता उदाहरण पेश किया है उत्तराखंड के खटीमा निवासी बलजीत सिंह ने। उन्होंने कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए अपना शरीर दान में देने की इच्छा जताई है जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है। आगे देखिए वीडियो

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बलजीत सिंह द्वारा लिया गया ये फैसला बहुत कठिन है, मगर उन्होंने हंसते-हंसते यह फैसला ले लिया। उनके लिए मानवता और देश की सेवा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। इतना बड़ा फैसला लेने वाले बलजीत सिंह उधमसिंह नगर जिले में स्थित खटीमा में आबकारी निरीक्षक पद पर कार्यरत हैं।

वह महोली गांव, बाजपुर तहसील के मूल निवासी हैं। उन्होंने इस संकट की घड़ी में अपनी देह कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए दान करने की अनुमति मांगी है। इस सिलसिले में उन्होंने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भी भेजा है जिसमें उन्होंने शरीर दान करने की इच्छा जाहिर करते हुए उनसे अनुमति मांगी है। आगे भी पढ़िए ये प्रेरणादायक खबर...आपको ये बातें जानकर गर्व होगा।

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मानवता की मिसाल पेश करने वाले बलजीत सिंह से जब बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि जब-जब संसार के ऊपर खतरा पैदा हुआ है तब-तब सिख समाज बलिदान के लिए सबसे आगे खड़ा हुआ है। क्योंकि इस समय समस्त विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है और कोरोना की रोकथाम के लिए भारतीय डॉक्टर्स दिन-रात वैक्सीन की खोज करने में लगे हुए हैं ऐसे में किसी न किसी के ऊपर तो यह परीक्षण करना ही पड़ेगा। इसलिए समस्त मानव जाति की रक्षा के लिए वह अपनी इच्छा से अपने शरीर को कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए दान में देना चाहते हैं। बलजीत सिंह की ये सोच अगर सबके अंदर आ गई तो समाज से बुराइयों का अंत हो जाएगा और सब एक दूसरे की मदद के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। अपनी जान की परवाह न करते हुए, पूरे मानवजाति की भलाई के लिए बलजीत सिंह द्वारा लिए गए इस मानवता भरे फैसले को दिल से सलाम।


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