उत्तराखंड में कोरोना का असर..ससुराल आए दामाद ने थाने में गुजारी पूरी रात
दामाद घंटों तक बाहर खड़ा रहा, पत्नी और बच्ची से मिलने की मिन्नतें करता रहा,मगर उसके ससुराल वालों ने उसको अंदर तक नहीं आने दिया। मजबूरन युवक को कोतवाली में रात काटनी पड़ी। जानिए कारण-
May 23 2020 4:21PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
नैनीताल बुधवार को एक अजीबोगरीब घटना का साक्षी बना। नैनीताल में रहने वाले एक परिवार ने अपने दामाद को घर में घुसने नहीं दिया और गेट से ही वापस लौटा दिया। अक्सर दामादों का स्वागत बड़ी धूम-धाम और उत्साह के साथ किया जाता है मगर नैनीताल में तो बिल्कुल विपरीत ही देखने को मिला है। अपनी बेटी और पत्नी को लेने आए एक युवक को उसके ससुराल वालों ने एंट्री नहीं दी। कारण था कोरोना का खौफ। जी हां, कोरोना के इस खौफ ने पारिवारिक रिश्तों के ऊपर भी अपना प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। अब लोग अपने सगे-सम्बन्धियों को भी घर आने से रोक रहे हैं। नैनीताल के एक परिवार के ऊपर संक्रमण का डर इस हद तक बैठ गया कि उन्होंने भी पारिवारिक रिश्तों से ज्यादा महत्व अपनी सुरक्षा को दिया और दामाद को वापस भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार फरीदाबाद, हरियाणा का एक युवक का ससुराल नैनीताल में स्थित है। उसकी पत्नी और बेटी दोनों लॉकडाउन के कारण नैनीताल में फंस गए।
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बुधवार को प्रशासनिक मंजूरी लेकर परिवार से मिलने की खुशी लिए युवक अपने दोस्त के साथ फरीदाबाद से नैनीताल पहुंच गया। मगर कोरोना के डर के कारण ससुराल वालों ने अपने दामाद के लिए गेट तक नहीं खोला। कई बार बोलने के बाद भी युवक को दरवाजे से ही वापस लौटा दिया।निराश और परेशान युवक और उसके दोस्त को मजबूरन गाड़ी में ही सोना पड़ा। गश्त कर रही पुलिस ने जब इनसे पूछताछ की तब युवक ने अपनी आपबीती सुनाई। एसएसआई दोनों को कोतवाली लेकर आए और युवक के ससुराल वालों से संपर्क साधा। ससुराल वालों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने दामाद को नैनीताल आने से पहले ही मना कर दिया था मगर तब भी वो हठ करके कोरोना के बीच ही बीवी बच्चों को लेने आ गए। कोरोना के चलते घर में उनको ठहराने की अलग व्यवस्था भी नहीं थी इस वजह से उनको घर में नहीं आने दिया। वहीं कोतवाली पुलिस भी युवक के ससुराल वालों की बातों से सहमत है। पुलिस ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना के काफी अधिक केस हैं। ऐसे में युवक का उसके ससुराल में रहना खतरे से खाली नहीं था। युवक को अगले दिन दोस्त के साथ वापस फरीदाबाद लौटा दिया गया।