उत्तराखंड के लिए बड़ा खतरा..स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में ‘रेड सिग्नल’..देखिए हर जिले के आंकड़े
सैंपल की जांच पेंडिंग होने का मतलब है संक्रमण का लगातार बढ़ता खतरा। इस वक्त प्रदेश की अलग-अलग लैब में जांच के लिए पेंडिंग सैंपल का आंकड़ा 7 हजार के पार पहुंचा हुआ है। आगे जानिए किस जिले में कितने सैंपल पेंडिंग हैं...
Jun 4 2020 6:57PM, Writer:komal
उत्तराखंड बड़े संकट से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जांच के काम में तेजी आई है, लेकिन परेशानी की बात ये है कि अब भी हजारों सैंपल की जांच होना बाकी है। कोरोना की सैंपलिंग बढ़ने के बाद सैंपलों का बैकलॉग स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सैंपल की जांच पेंडिंग होने का मतलब है संक्रमण का लगातार बढ़ता खतरा। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, तब तक संक्रमण फैलने का डर लगा ही रहेगा। इस वक्त प्रदेश की अलग-अलग लैब में जांच के लिए पेंडिंग सैंपल का आंकड़ा 7 हजार के पार पहुंच गया है। हर दिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। पहले कम सैंपलिंग को लेकर टेंशन थी। अब सैंपलों का बैकलॉक परेशानी का सबब बन रहा है। सैंपल को ज्यादा वक्त तक रखने से इसके खराब होने का डर तो है ही, भविष्य की आशंकाएं भी लंबे वक्त कर बनी रहेंगी। आगे देखिए हर जिले में कितनी रिपोर्ट अभी पेंडिंग हैं।
यह भी पढ़ें - देहरादून से बड़ी खबर..शनिवार और रविवार को रहेगा बंद..पूरे शहर में होगा सेनिटाइजेशन
लॉकडाउन के तीसरे चरण तक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के 61 केस थे। अब ये आंकड़ा 1085 है। जब तक सारे सैंपल की जांच नहीं हो जाती, तब तक खतरा बरकरार रहेगा। एक साथ जांच रिपोर्ट्स आईं तो बीमारी का बोझ भी बढ़ सकता है। किस जिले में कितने सैंपल पेंडिंग हैं, ये भी जान लीजिए।
हरिद्वार में 2994 सैंपल की जांच होना बाकी है।
टिहरी में 1528 सैंपल की जांच पेंडिंग है।
नैनीताल में 765
चमोली में 282
पिथौरागढ़ में 358
रुद्रप्रयाग में 225
बागेश्वर में 191
ऊधमसिंहनगर में 166
चंपावत में 142
उत्तरकाशी में 94
पौड़ी में 72
अल्मोड़ा में 52 सैंपल्स की जांच पेंडिंग है।
इस वक्त सैंपल जांच की सुविधा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, आईआईपी और दून की एक निजी लैब में उपलब्ध है। सैंपलिंग का दबाव बढ़ने के बाद अब निजी पैथोलॉजी लैब में कोरोना सैंपल की जांच शुरू कराने की कवायद चल रही है। अगले कुछ वक्त में कोरोना जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में जांच की क्षमता बढ़ाई जाएगी। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, श्री महंत इंदिरेश हॉस्पिटल और हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में भी कोरोना सैंपल की जांच शुरू की जाएगी।