उत्तराखंड में आया मानसून...आज 5 जिलों में तो कल 9 जिलों में होगी झमाझम बारिश
मानसून के दस्तक देने के साथ ही प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है। अगले दो दिनों तक मौसम खराब बना रहेगा। कई जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है...
Jun 24 2020 12:45PM, Writer:कोमल नेगी
मानसून ने उत्तराखंड में अपनी आमद दर्ज करा दी है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है। बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से निजात तो दिलाई है, लेकिन आने वाले कुछ दिन मुश्किलभरे रह सकते हैं। मौसम विभाग ने 26 जून यानी अगले 48 घंटे तक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया है। 25 जून को नैनीताल, पिथौरागढ़ और देहरादून जिले में भारी बारिश होने की संभावना है। इस बार दक्षिण-पश्चिमी मानसून को उत्तराखंड पहुंचने मे दो दिन की देरी हुई। कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के कुछ इलाकों में मानसून ने मंगलवार को दस्तक दी। आमतौर पर मानसून 21 जून तक उत्तराखंड पहुंचता है, लेकिन इस बार मानसून 23 जून को प्रदेश में पहुंचा। मानसून के पहुंचने के साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया है। आगे जानिए आज और कल कहां कहां भारी बारिश की संभावना है।
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उत्तराखंड के लोगों को अगले 48 घंटों के दौरान संभलकर रहने की जरूरत है। आज देहरादून, टिहरी, नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ समेत पांच जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 25 जून को नैनीताल, देहरादून और पिथौरागढ़ के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली, ऊधमसिंहनगर, चंपावत और बागेश्वर के लोग भी सतर्क रहें। यहां भी चुनिंदा स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं। इस वक्त राजधानी देहरादून में झमाझम बारिश हो रही है। मसूरी में बारिश से तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई है। कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बागेश्वर, रामनगर, पिथौरागढ़, काशीपुर, लोहाघाट और अल्मोड़ा में मौसम खराब बना हुआ है। यहां बारिश का दौर लगातार जारी है। अगले कुछ दिनों तक बारिश से राहत नहीं मिलेगी। मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में इस साल मानसून सामान्य से कुछ बेहतर रहने की उम्मीद है। एक और जरूरी बात जान लें, आपदा के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील है। पहाड़ी इलाकों में मलबा गिरने से जगह-जगह रास्ते बंद हैं, नदियां उफान पर हैं। इसलिए हमारी आपसे अपील है कि खराब मौसम में पहाड़ की यात्रा करने से बचें।