image: 11 people missing in Pithoragarh

उत्तराखंड: लॉकडाउन में गांव लौटे थे भाई-बहन, बाढ़ में हुए लापता

रविवार की देर रात पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील के गैला टांगा गांव में देर रात एक जोरदार बादल फटा जिसमें दो मासूम भाई-बहन की भी मृत्यु हो गई है। पढ़िए खबर
Jul 22 2020 2:03PM, Writer:Komal Negi

राज्य में अब कोरोना के साथ साथ लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भी लोगों का जीना बेहाल कर रखा है। खासकर कि पहाड़ी इलाकों में मानसूनी बारिश ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यह बरसात काल बनकर स्थानीय निवासियों की परेशानियां बढ़ा रही है। हाल ही में पिथौरागढ़ से बेहद बुरी खबर आई थी, जहां रविवार की रात को एक बार फिर से बारिश का खौफनाक मंजर देखने को मिला। रविवार की देर रात पिथौरागढ़ के बंगापानी तहसील के गैला टांगा गांव में देर रात एक जोरदार बादल फटा जिसमें 11 लोग लापता हो गए थे। वहीं हादसे में 3 लोगों की मौत भी हो गई थी। इसके बाद से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। शनिवार और रविवार दो दिन लगातार गैला टांगा में बादल फटा। शनिवार को किसी की जान नहीं गई मगर रविवार को वहां जो हुआ उसके बारे में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। बादल फटने के बाद 3 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि 11 लोग अब भी लापता हैं

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उन्हीं 11 लोगों में से 2 मासूम भी शामिल हैं। मासूमों का परिवार कोरोना से बचने के कारण गांव वापस आया था। मगर उनको क्या पता था कि कोरोना से बचकर जिस गांव की ओर वह गए हैं, वहां यह भयंकर त्रासदी उनको अपनी चपेट में लेने के लिए इंतजार कर रही होगी। दोनों मासूम मृतकों की पहचान दिव्यांश और लतिका के रूप में हुई है। दोनों गांव के उन 11 लोगों में शामिल थे जो बादल फटने के बाद आई आपदा में लापता हो गए थे। उनके पिता गणेश सिंह अपने बच्चों को उनको अच्छी शिक्षा के लिए मदकोट में पढ़ाते थे और वहीं अपनी बीवी और बच्चों के साथ रहते थे। कोरोना फैला तो दोनों बच्चों का स्कूल बंद हुआ जिसके बाद सभी लोग अपने टांगा गांव वापस लौट गए। ऑनलाइन पढ़ाई होती थी मगर दोनों बच्चों के गांव में नेटवर्क न आने के कारण उनकी ऑनलाइन पढ़ाई बंद थी। जिसके बाद गणेश सिंह सपरिवार मार्च से ही गांव में ही रहने लगे थे। आगे पढ़िए

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दोनों बच्चे पढ़ाई में अव्वल थे और उनके माता-पिता भी चाहते थे कि वे पढ़- लिख कर कुछ बड़ा हासिल करें। वहीं सभी के सपने गांव में आए सैलाब में हमेशा-हमेशा के लिए बह गए। बीते रविवार को जब पिथौरागढ़ के टांगा गांव में बादल फटा और त्रासदी आई तो गांव में हड़कंप मच गया। जिसमें 3 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई वहीं 11 लोग लापता हो गए थे। दिव्यांश और लतिका भी उनमें शामिल थे। रविवार रात को आए सैलाब में उनका मकान भी ढह गया और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दोनों मासूम भी मलबे में दब गए। इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है कि खेलने-कूदने वाले मासूम हमेशा के लिए चुप हो जाएगें। वर्तमान में गांव की हालत बेहद खराब है और कई लोगों के बारिश के कारनबघर उजड़ गए हैं और वे सड़क पर रहने को मजबूर हैं। एसडीआरएफ, आपदा प्रबन्धन टीम और स्थानीय निवासी मिलकर फिलहाल बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।


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