उत्तराखंड के लिए गर्व का पल..फ्रांस से राफेल लेकर आए दीपक चौहान, घोड़ाखाल से की थी स्कूलिंग
स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का रहने वाला है, लेकिन दीपक की स्कूली पढ़ाई उत्तराखंड में हुई।
Aug 3 2020 12:15PM, Writer:Komal Negi
दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में शुमार राफेल विमान फ्रांस से भारत पहुंच चुका है। फ्रांस से राफेल विमान को लेकर आने वालों में मैनपुरी का लाल स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान भी शामिल है। दीपक चौहान और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के मैनपुरी का रहने वाला है, लेकिन दीपक की स्कूली पढ़ाई उत्तराखंड में हुई। स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान ने नैनीताल जिले में स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से 12वीं तक की पढ़ाई की। दीपक चौहान दुनिया के सबसे शक्तिशाली फाइटर प्लेन को फ्रांस से उड़ाकर भारत लाने वाले पांच सदस्यीय पायलट दल का हिस्सा रहे। इस दल के सभी अफसरों को पूरा देश सलाम कर रहा है। हर तरफ इनकी चर्चा हो रही है। एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान और उनकी पूरी टीम ने राफेल को भारत लाने से पहले करीब नौ महीनों तक फ्रांस में इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया। राफेल डील फाइनल होने के बाद से ही ये पायलट दल ट्रेनिंग के लिए फ्रांस रवाना हो गया था। दीपक चौहान इससे पहले मिग-21, मिराज और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान भी उड़ा चुके हैं। आगे पढ़िए
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दीपक चौहान की काबलियत को देखते हुए उन्हें फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत लाने वाले पांच सदस्यीय पायलट दल में शामिल किया गया था। 7000 किमी दूर फ्रांस से राफेल को उड़ाकर अंबाला कैंट में सफल लैंडिंग कराने वाले स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान का जन्म साल 1986 में हुआ। पढ़ाई में वो शुरू से ही अव्वल रहे। कक्षा पांच तक की पढ़ाई उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर से की। बाद में 12वीं तक की पढ़ाई उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से हासिल की। साल 2003 में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पहली रैंक से पास की। साल 2007 में दीपक चौहान ने एयरफोर्स में कमीशन हासिल किया। राफेल की सफल लैंडिंग कराने वाले स्क्वाड्रन लीडर दीपक चौहान ने अपने परिवार के साथ-साथ पूरे उत्तराखंड का नाम रौशन किया है। नैनीताल के घोड़ाखाल स्थित सैनिक स्कूल में पढ़ने वाला ये जांबाज आज पूरे देश का हीरो बनकर उभरा है।