image: Shailesh Upreti makes 22 hours of backup battery

पहाड़ के शैलेष उप्रेती को बधाई...22 घंटे बैकअप वाली बैटरी बनाई, अमेरिका में बढ़ाया भारत का नाम

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले युवा वैज्ञानिक डॉ. शैलेष की यूएस में अपनी कंपनी है। उनकी कंपनी ने 20 से 22 घंटे बैकअप देने वाली बैटरी बनाई है। जिसके लिए उनकी कंपनी को यूएस में पांच लाख डॉलर का पुरस्कार मिल चुका है।
Aug 12 2020 7:40PM, Writer:Komal Negi

कुछ करने का जज्बा हो तो चुनौतियां खुद ब खुद अवसर में तब्दील हो जाती हैं। इसे लगातार साबित कर रही है हमारी युवा पीढ़ी। उत्तराखंड के युवा वैज्ञानिक और उद्यमी डॉ. शैलेष उप्रेती इसका एक शानदार उदाहरण हैं। डॉ. शैलेष उप्रेती यूएस में ना सिर्फ उत्तराखंड का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। इंटरनेशनल यूथ डे के मौके पर हम आपको डॉ. शैलेष उप्रेती की उपलब्धियों के साथ-साथ उनके पहाड़ प्रेम के बारे में भी बताएंगे। उनकी कहानी पहाड़ी युवाओं को आगे बढ़ने और कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करेगी। उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले युवा वैज्ञानिक डॉ. शैलेष की यूएस में अपनी कंपनी है। उनकी कंपनी ने 20 से 22 घंटे बैकअप देने वाली बैटरी बनाई है। जिसके लिए उनकी कंपनी को यूएस में पांच लाख डॉलर का पुरस्कार मिल चुका है।

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डॉ. शैलेष ने ऐसी तकनीक को पेटेंट कराया है जो लिथियम आयन बैटरी के जीवन को 20 साल के लिए बढ़ा देती है। इसे सौर ऊर्जा को स्टोर करने के साथ बिजली से चलने वाली कारों, ट्रकों और बस चलाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। यूएस में सेटल होने के बावजूद डॉ. शैलेष उप्रेती का पहाड़ से लगाव कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने बेडू पाको डॉट कॉम नाम से वेबसाइट भी बनाई है, जो उनके पहाड़ प्रेम बयां करती है। पहाड़ से निकलकर विदेश में नाम कमाने वाले डॉ. शैलेष उप्रेती ने विदेश में ना सिर्फ खुद को स्थापित किया, बल्कि वहां रह रहे कई लोगों को रोजगार भी दिया। डॉ. शैलेष मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के मनान क्षेत्र के तल्ला ज्यूला गांव के रहने वाले हैं।

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उनकी शुरुआती शिक्षा मनान क्षेत्र में हुई। हायर स्टडी के लिए उन्होंने एसएसजे में एडमिशन लिया। एसएसजे परिसर में एमएससी रसायन में गोल्ड मेडलिस्ट रहे डॉ. उप्रेती ने इसके बाद आईआईटी दिल्ली से पीएचडी की उपाधि हासिल की। फरवरी 2007 में उनका अमेरिका में फैलोशिप के लिए चयन हो गया। तब से वो अमेरिका में सेटल हैं। उनकी कंपनी ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उद्यमी डॉ. शैलेष उप्रेती की कंपनी सीसीसीवी वेलिंगटन न्यूयार्क ने 20 से 22 घंटे बैकअप देने वाली बैटरी का निर्माण किया है। जिसके लिए उनकी कंपनी को 2016 में पांच लाख डॉलर का पुरस्कार भी मिल चुका है। भारतीय मुद्रा में ये राशि साढ़े तीन करोड़ रुपये है। इस प्रतियोगिता में विश्व की 176 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। साल 2016 में अमेरिका में हुई स्वच्छ तकनीकी व्यापार प्रतियोगिता में भी उनकी कंपनी ने जीत हासिल की थी। डॉ. शैलेष की कंपनी यूएस में दो सौ लोगों को रोजगार दे रही है।




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