उत्तराखंड: खेत की रखवाली कर रहा था 24 साल का सूरज, आकाशीय बिजली गिरने से मौत
24 साल का सूरज गांव का सबसे गरीब लड़का था। गोवा में जॉब करने वाला सूरज लॉकडाउन के दौरान गांव लौट आया था, जहां उसकी एक हादसे में मौत हो गई।
Aug 15 2020 5:50PM, Writer:Koma Negi
उत्तराखंड में आफत की बारिश कहर बरपा रही है। खराब मौसम की वजह से हादसे हो रहे हैं, जिनमें बेगुनाह लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। नई टिहरी के नैनबाग क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई। मरने वाले युवक का नाम सूरज सजवाण था। ग्रामीणों ने बताया कि सूरज गांव का सबसे गरीब लड़का था। उसके निधन के बाद क्षेत्र में मातम पसरा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग की। हादसा जौनपुर ब्लॉक के चडोगी गांव में हुआ। जहां गुरुवार तड़के सूरज नाम के युवक की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। हादसे के वक्त 24 साल का सूरज जंगली जानवरों से खेतों की रखवाली करने के लिए गया हुआ था। वो खेत में बने मचान पर बैठा था कि तभी तेज गड़गड़ाहट के साथ आसमान से बिजली गिरी। आगे पढ़िए
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बिजली सीधे उस मचान पर गिरी जहां सूरज बैठा था। हादसे में सूरज की मौके पर मौत हो गई। चश्मदीदों ने बताया कि बिजली इतनी भयानक थी कि मचान पूरी तरह जलकर राख हो गया। मचान की लकड़ियां काफी देर तक जलती रहीं। जौनपुर ब्लॉक के तहसीलदार जालम सिंह राणा ने बताया कि सूरज सजवाण गोवा में नौकरी करता था। लॉकडाउन के दौरान उसकी नौकरी छूट गई। तब सूरज गांव लौट आया, यहां वो खेती में परिवार की मदद कर रहा था, लेकिन गुरुवार को हुए हादसे में सब खत्म हो गया। सूरज की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। आपको बता दें कि टिहरी में एक हफ्ते के भीतर आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। बीती 10 अगस्त को टिहरी के जौनपुर ब्लॉक के बिच्छु गांव में एक गोशाला में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
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मरने वाले शख्स का नाम जयेंद्र सिंह था। वो 55 साल के थे। हादसे के वक्त जयेंद्र गोशाला में मवेशियों को चारा दे रहे थे, तभी गोशाला के ऊपर एकाएक बिजली गिर गई। बिजली गिरने से जयेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। पहाड़ के दूसरे क्षेत्रों के साथ-साथ नई टिहरी में भी बारिश से तबाही का सिलसिला थम नहीं रहा है। यहां नैनबाग में गुरुवार सुबह पांच बजे बाजार क्षेत्र में जमीन धंस गई। जिससे एक ग्रामीण के मकान से सटा शौचालय ध्वस्त हो गया। भू-धंसाव से मकान भी खतरे की जद में आ गया है। यहां बारिश से एक मकान की सुरक्षा दीवार भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। भूस्खलन से कई मकान ढहने की कगार पर हैं। प्रभावितों ने प्रशासन से सुरक्षा उपाय किए जाने की मांग की है।