image: 179 jawans joined the Garhwal Rifle

जय बदरी विशाल..देशसेवा की कसम खाकर गढ़वाल राइफल में शामिल हुए 179 जवान

बीते शनिवार को लैंसडौन में गढ़वाल राइफल रेजीमेंट सेंटर मुख्यालय में कसम परेड समारोह के आयोजन के उपरांत कोर-93 के 179 रिक्रूट भारतीय थल सेना का हिस्सा बन गए हैं।
Aug 16 2020 7:15PM, Writer:Komal Negi

हम स्वतंत्र हैं क्योंकि बॉर्डर पर हमारी आर्म फोर्स अपनी चिंता छोड़ कर दिन-रात ढाल बनकर हमारी सुरक्षा करती है। वहीं भारतीय सेना और उत्तराखंड राज्य का बहुत ही गहरा संबंध है। राज्य में आज भी अधिकतर युवाओं का सपना है कि वे सेना में भर्ती हों। भारतीय सेना के प्रति जितना उत्साह उत्तराखंड के नौजवानों के अंदर मौजूद है, वह मुश्किल ही किसी अन्य राज्य के नौजवानों के अंदर मौजूद है। देश के लिए मर-मिट जाने का जज्बा मन में लिए कितने ही नौजवान सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं और राज्य का नाम ऊंचा कर रहे हैं। वे आर्मी में जाने का महज सपना नहीं देखते हैं बल्कि उसको प्राप्त करने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं। बीता आज़ादी का दिन राज्य के लिए एक खास अवसर बनकर सामने आया है। खास आखिर क्यों न हो, राज्य के नौजवानों ने आखिर वर्षों से आ रही सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाया और राज्य का नाम ऊंचा किया।

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बीते शनिवार को लैंसडौन में गढ़वाल राइफल रेजीमेंट सेंटर मुख्यालय में कसम परेड समारोह आयोजित हुआ। समारोह के उपरांत कोर-93 के 179 रिक्रूट भारतीय थल सेना का हिस्सा बन गए हैं। यह राज्य के लिए गर्व का क्षण है। सेंटर के नायक भवानी दत्त जोशी परेड ग्राउंड में कोर-93 के कुल 179 जवानों ने वतन की रक्षा की शपथ ली और अब वे थल सेना में शामिल हो चुके हैं। परेड के दौरान नव प्रशिक्षित कैडेट्स ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को साक्षी मानकर व धार्मिक ग्रंथ गीता को स्पर्श कर देश के लिए सेवा करने की शपथ ग्रहण की। समीक्षा अधिकारी कर्नल विनीत वाजपेई ने इस मौके पर परेड की सलामी ली। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षित सैनिकों ने सेना में भर्ती होकर अपने जीवन का सबसे बड़ा और अहम निर्णय लिया है।

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उन्होंने जवानों का हौसला बुलंद करते हुए कहा अब से देश की रखवाली करने की एक बड़ी जिम्मेदारी उनपर है। उन्होंने कहा कि एक काबिल सैनिक के अंदर ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और आज्ञाकारी जैसे गुण होना बेहद जरूरी है। वहीं शपथ ग्रहण समारोह में कोविड के कारण उत्पन्न हो रखी परिस्थितियों की वजह से थल सेना में शामिल जवानों के स्वजन शामिल नहीं हो सके। कोर-93 में प्रशिक्षण के दौरान सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए राइफलमैन शुभम रावत को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। वहीं रजत पदक के हकदार बने राइफलमैन विपिन रावत और राइफलमैन अनिकेश रावत को कांस्य पदक से प्रदान किया गया। फायरिग में उत्तम प्रदर्शन के लिए राइफलमैन शुभम रावत, शारीरिक प्रशिक्षण के लिए राइफलमैन अमित सिंह को भी सम्मान मिला। ब्रावो कंपनी के हवलदार महिपाल सिंह उत्तम प्रशिक्षक रहे। भारतीय थल सेना में भर्ती उत्तराखंड के 179 जवानों को शुभकामनाएं के साथ हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।


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