उत्तराखंड: लॉकडाउन में गांव लौटा था संजय...नदी किनारे मिली लाश
हादसे में मरने वाला संजय अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। संजय की मौत के बाद उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। संजय कुछ दिन पहले ही हरियाणा से गांव लौटा था।
Aug 22 2020 5:04PM, Writer:Komal Negi
अल्मोड़ा में युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई। युवक की लाश अगले दिन सुबह रामगंगा नदी के किनारे पड़ी मिली। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को अपने कब्जे में ले लिया। मरने वाले युवक की शिनाख्त संजय सिंह उर्फ सोनू के रूप में हुई। संजय अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वो पिछले 10-12 साल से हरियाणा में जॉब कर रहा था। लॉकडाउन लगने पर वो कुछ दिन पहले ही गांव लौटा था, लेकिन किसे पता था कि यहां आकर उसके साथ अनहोनी हो जाएगी। संजय की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा है। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने बताया कि संजय के पिता मदन सिंह भी पिछले 20-22 साल से लापता हैं।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: भारी बारिश के बाद 270 सड़कें बंद..चारधाम रूट पर संभलकर ही जाएं
घर में मां पुष्पा देवी अकेले रहती है। वो किसी तरह मेहनत मजदूरी कर जिंदगी काट रही थी, लेकिन अब इकलौते बेटे की मौत ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। ये दुखद हादसा चौखुटिया क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गनाई गांव के पास हुआ। जहां रामगंगा नदी किनारे शुक्रवार सुबह युवक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। बाद में शव की शिनाख्त कोट्यूड़ा-ताल निवासी मदन सिंह के 26 साल के बेटे संजय सिंह के रूप में हुई। परिजनों ने बताया कि संजय गुरुवार को चौखुटिया बाजार आया था। शाम को संजय गनाई-प्रेमपुरी पैदल मार्ग से घर की तरफ निकला। शाम करीब साढ़े चार बजे गनाई गांव की सरहद पर नदी पार करते वक्त संजय फिसलकर नदी की तेज धार में बह गया।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: नई डबल लेन सड़क से जुड़ेंगे गढ़वाल के जिले, जानिए इसकी खूबियां
शाम का वक्त होने की वजह से हादसे के बारे में किसी को पता नहीं चला। शुक्रवार सुबह लोगों ने नदी किनारे युवक की लाश देखी तो सूचना थाने में दी। पुलिस ने जेब से मिले आधार कार्ड से युवक की शिनाख्त की। परिजनों ने बताया कि संजय 10-12 साल से हरियाणा में जॉब कर रहा था। लॉकडाउन के दौरान बीते 10 मई को वो अपने गांव आ गया था। संजय क्योंकि बचपन से ही गांव से बाहर रहा इसलिए उसका लोगों से मिलना-जुलना भी कम था। संजय की मौत के बाद उसकी मां रो-रोकर बेसुध हो गई है, गांव में भी मातम पसरा है।