image: Women died in almora

उत्तराखंड: कोरोना की आशंका के चलते गर्भवती का नहीं हुआ इलाज.. दर्दनाक मौत

गर्भवती महिला को निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक खूब दौड़ाया और अंत में इलाज न मिलने के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई।
Aug 22 2020 7:07PM, Writer:Komal Negi

उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुए कई साल हो चुके हैं। इन सालों में कई सरकारें आई हैं, तमाम झूठे वादे किए हैं, मगर किसी ने भी पर्वतीय क्षेत्रों के ऊपर आजतक नजर नहीं डाली। पहाड़ों की दशा तब भी ऐसी ही थी और इतने सालों के बाद भी ऐसी ही है। खासकर की पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा अब भी दयनीय है। पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था का कमजोर होना सिस्टम का फेलियर है और सरकार की व्यवस्थाओं के ऊपर बड़ा सवाल भी है। पहाड़ों पर वैसे ही स्वास्थ्य सेवाएं अपना दम तोड़ चुकी हैं। कितने ही लोगों ने इलाज के अभाव के चलते अपनी जान गंवा दी है। पहाड़ों पर स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पहले से ही बेहद दयनीय है और जबसे कोरोना आया है तबसे आम लोगों को भी इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है और घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

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कई बार इंतजार इतना लंबा हो जाता है कि मरीज की मृत्यु हो जाती है। आम लोगों के ऊपर भी अब कोरोना की मार पड़ने लगी है। कोरोना जांच के बाद ही इलाज मिलने के नाम पर रोगियों को इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में किसी की जान चली जाए तो आखिर वह जिम्मेदारी होगी? अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में भी एक ऐसी ही शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसको सुनकर आप भी चौंक जाएंगे और गुस्से से भर जाएंगे। बता दें कि कोरोना वायरस की शंका के चलते एक गर्भवती महिला को निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक खूब दौड़ाया और अंत में इलाज न मिलने के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई। बता दे कि गर्भवती महिला को पहले टाइफाइड हुआ उसके बाद सांस लेने में तकलीफ हुई। वहीं डॉक्टरों ने कोरोनावायरस की रिपोर्ट लाने के बाद ही गर्भवती के इलाज की बात कही। महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और महिला अपने 5 माह के बच्चे समेत दुनिया से जा चुकी थी।

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महिला की मृत्यु के बाद से ही उनके परिवार के बीच में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि 5 माह की गर्भवती 24 वर्षीय आशा देवी का स्वास्थ्य बीते गुरुवार की सुबह से ही काफी खराब था। उनको तेज बुखार था, और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बिना देरी किए उनके पति के साथ वह एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची तो उनको कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जताते हुए उनको कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया। जब परिजन उन्हें लेकर अल्मोड़ा के जिला अस्पताल पहुंचे तो अल्मोड़ा की जिला अस्पताल से भी उनको कोविड-19 की जांच के लिए बेस अस्पताल भेज दिया गया। गर्भवती तीव्र दर्द में, तेज बुखार और खराब स्वास्थ्य में यहां से वहां भटकती रही। बेस अस्पताल में महिला की कोरोना वायरस रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर तब तक उसका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था। बताया जा रहा है कि महिला को सांस लेने में काफी अधिक समस्या आ रही थी। जब रिपोर्ट नेगेटिव आई तब परिजन उसे देर शाम को बेस अस्पताल से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे मगर तब तक महिला दम तोड़ चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को मृत घोषित कर दिया गया। आने वाले बच्चे के लिए जिस पिता ने सपने संजो कर रखे थे वे एक पल में ही चकनाचूर होकर टूट चुके हैं। महिला की मृत्यु के बाद से ही उसके घर में मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।


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