image: Tehri Garhwal DM Mangesh Ghildiyal held salary of Cooperative Secretary

गढ़वाल: काम में मिली लापरवाही, DM ने 11 सहकारी सचिवों का रोका वेतन

हाल ही में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने दीनदयाल स्वरोजगार योजना में लापरवाही बरतने पर प्रताप नगर ब्लॉक के कुल 11 सहकारी सचिवों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
Aug 24 2020 9:12AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

डीएम मंगेश घिल्डियाल राज्य के उन गिने-चुने सरकारी अधिकारियों में से एक हैं जो काम के प्रति बेहद अनुशासित हैं। टिहरी के आईएएस मंगेश घिल्डियाल ने कई बार अपनी ईमानदारी से लोगों का दिल जीता है। जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने के मामले में डीएम मंगेश घिल्डियाल समाज के लिए एक अविस्मरणीय उदाहरण बनकर उबरे हैं। रुद्रप्रयाग जिले के बाद अब टिहरी जिले में भी वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन बेहतरीन तरीके से करते हैं। उनके अधीन काम करने वाले अधिकारियों से कैसे डील करना हैं यह भी डीएम को भली-भांति पता है। भ्रष्ट अधिकारियों के बीच डीएम मंगेश घिल्डियाल का खौफ है। ऐसा इसलिए क्योंकि डीएम मंगेश घिल्डियाल उनको सबक सिखाना बखूबी जानते हैं। नई टिहरी में सरकारी काम में कामचोरी या लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हो गई है। आगे पढ़िए

अब जो भी सरकारी कर्मचारी मुफ्त की रोटी तोड़ता नजर आ रहा है या काम के प्रति जरा भी लापरवाह नजर आ रहा है उनके खिलाफ डीएम मंगेश घिल्डियाल द्वारा सख्त रवैया अपनाया जा रहा है। हाल ही में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने दीनदयाल स्वरोजगार योजना में लापरवाही बरतने पर प्रताप नगर ब्लॉक के कुल 11 सहकारी सचिवों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि इन सभी सहकारी सचिवों ने दीनदयाल स्वरोजगार योजना के तहत आवेदकों के प्रस्ताव पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की थी। नई टिहरी के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कार्यभार संभालते ही अपने इरादे साफ जाहिर कर दिए थे। उन्होंने यह साफ तौर पर कह दिया था कि काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने केवल यह कहा नहीं बल्कि करके भी दिखाया।

बीते गुरुवार की देर शाम को जिला अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने सहकारिता विभाग के स्वरोजगार के कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान यह सामने आया कि प्रताप नगर ब्लॉक में सहकारी सचिवों ने स्वरोजगार के लिए आवेदन करने वाले सभी युवाओं की फाइलों को बिना किसी कारण की रोक कर रखा हुआ था। इससे युवाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण नहीं मिल पा रहा था। स्वरोजगार इस समय कितना जरूरी है यह हम सबको पता है। ऐसे में अधिकारियों की यह लापरवाही बेहद महंगी साबित हो सकती है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को जैसे ही सहकारी सचिवों की लापरवाही के बारे में पता चला उन्होंने कुल 11 सहकारी सचिवों को 15 अगस्त तक प्राप्त आवेदनों का निस्तारण करने के निर्देश दिए है। अधिकारियों के वेतन रोकने के साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी


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