पहाड़ के सपूत की नम आंखों से आखिरी विदाई..सितंबर में छुट्टी पर घर आना था
बीएसएफ के हवलदार कुंदन राम को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान पत्नी सुनीता और एकलौते बेटे हरीश को बिलखते देख वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई।
Aug 24 2020 8:00PM, Writer:Komal Negi
बीएसएफ के हवलदार कुंदन राम की अब सिर्फ यादें शेष हैं। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात हवलदार कुंदन राम का शुक्रवार को निधन हो गया था। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर चौखुटिया स्थित पैतृक गांव सिरोली लाया गया। कुंदन राम की पार्थिव देह देख उनकी पत्नी पछाड़ खाकर गिर पड़ी। पत्नी सुनीता और एकलौते बेटे हरीश को बिलखते देख वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई। माहौल बेहद गमगीन हो गया। बाद में हवलदार कुंदन राम का पार्थिव शरीर बबलेश्वर श्मशान घाट ले जाया गया। जहां रामगंगा के तट पर सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। चिता को मुखाग्नि उनके एकलौते बेटे हरीश ने दी। आगे पढ़िए
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बीएसएफ के 48 वर्षीय हवलदार कुंदन राम की जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शुक्रवार को मौत हो गई थी। वो बीएसएफ की 169 बटालियन में तैनात थे। बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर दिनेश जोशी के नेतृत्व में बीएसएफ के जवान सोमवार सुबह हवलदार कुंदन राम का पार्थिव शरीर लेकर उनके पैतृक गांव सिरोली पहुंचे। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही गांव में मातम छा गया। हवलदार कुंदन राम की बुजुर्ग मां और पत्नी शव को देखते ही बिलख पड़ीं। लोगों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। गांव के लोग जवान के अंतिम दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचे थे। प्रशासन की तरफ से एसडीएम आरके पांडे ने जवान को श्रद्धांजलि दी। परिजनों ने बताया कि कुंदन नवंबर 2019 को छुट्टी में घर आए थे। आगे पढ़िए
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दो महीने की छुट्टी बिताने के बाद वो 19 जनवरी 2020 को कुपवाड़ा वापस लौट गए। कुंदन राम मिलनसार स्वभाव के थे। गांव में रहने के दौरान उन्होंने परिवार और गांव के लोगों के साथ हर काम में हाथ बंटाया। पत्नी सुनीता ने बताया कि उनकी पति से आखिरी बार 19 अगस्त को बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि वो सितंबर में छुट्टी पर घर आएंगे, लेकिन कुंदन के लौटने से पहले ही उनके निधन का दुखद समाचार घर पहुंच गया। शुक्रवार को कुंदन राम की कुपवाड़ा में गोली लगने से मौत हो गई थी। हवलदार कुंदन राम के साथियों ने बताया कि वो देशसेवा के लिए समर्पित जवान थे। कुछ समय बाद उनका प्रमोशन होने वाला था, लेकिन शुक्रवार को वो अनहोनी का शिकार हो गए। बीएसएफ की तरफ से जवान के परिवार को फौरी राहत के तौर पर 35 हजार की सहायता राशि दी गई है।