नन्दा देवी लोकजात यात्रा 2020..जानिए तपोड़ गांव से कैसे विदाई लेती हैं मां भगवती
नम आंखों से विदाई की आज्ञा ली.. सभी श्रद्धालुओं ने नम आँखों से माँ के जयकारों के साथ उन्हें विदाई दी..पढ़िए चमोली जिले से हमारे सहयोगी पंकज हटवाल की रिपोर्ट
Aug 24 2020 7:50PM, Writer:पंकज हटवाल
जोशीमठ विकास खण्ड के तपोण गाँव से कैलाश के लिए निकली मां नन्दा देवी की भव्य छंतोली का दृश्य लुभावना था।।नम आँखों से बेटी को निर्जन प्रदेश के लिए विदा कर गांव के भक्तजन अपनी आँखों को छलकने से नहीं रोक पाए। आंसुओं के सैलाब ने सबके हृदयों को करुणा के भवसागर में डुबो दिया । पुराणों में आस्था रखने वाले ही कैलाश को पवित्र स्थान मानते हों परन्तु यहां के आम जन - मानस उसे नन्दा का ससुराल मानते हैं जहां उन्हें अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं। वार्षिक लोकजात 2020 के पावन अवसर पर आज तपोण गाँव से कटार चिह्न व छंतोलि के साथ कैलाश के लिए प्रस्थान किया । इस अवसर पर माँ नन्दा के पश्वा पर देवी अवतरित हुई। नम आंखों से विदाई की आज्ञा ली.. सभी श्रद्धालुओं ने नम आँखों से माँ के जयकारों के साथ उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर तपोण से पवित्र रिंगाल की छंतोली भ्रमण पर निकली..आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार, जानिए कितने विधायकों को मिल सकती है जगह
तपोण गाँव से नंदा की छंतोली अगले पड़ाव वंशीनारायण रिखडारा उडियार के लिए हुई रवाना। नंदा की छंतोली की लोकजात मैनवाखाल में 25 अगस्त को सम्पन्न होगी। माँ नन्दा को उनके मैतियों ने स्थानीय फल ककड़ी, मुंगरी, आड़ू सेब तथा श्रृंगार के सामान चूड़ी मुनड़ी तेल कंघी व खाजा चावल इत्यादि भेंट के साथ भावुक मन से कैलाश को विदा किया। स्थानीय लोगों का माता पर भरोसा है कि वे अपने मैतियों के समस्त दुखों को दूर कर सुख समृद्धि व खुशाहाली प्रदान करेगी। इस बार कोरोना महामारी की वजह से नंदा देवी लोकजात यात्रा भक्तो की सीमित संख्या में हीं सम्पन्न होगी।
पैटणा_बेठीगे देवी को ओंलासार ड्वोला
सौजणा बेठीगे देवी को शोभना पालकी
रिंगना छत्तर देवी को ढलना कलशा
बनाती का ख्वोल देवी को मोत्यो का झालरा