उत्तराखंड: अपने गांव लौट आया जांबाज पूरन, गलवान घाटी में हुआ था घायल
15 जून को गलवां घाटी में हुई जबरदस्त झड़प के दौरान घायल हुए पिथौरागढ़ के निवासी नायक पूरन सिंह कुंवर के बुधवार को स्वस्थ होकर लौटने के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल देखने को मिला-
Aug 27 2020 2:53PM, Writer:Komal Negi
चीन के साथ भारत के संबंध फिलहाल अच्छे नहीं हैं। लंबे समय से भारत और चीन के बीच में द्वेष चल रहा है, जो कि भीषण रूप ले चुका है। बीते कुछ महीनों से चीन और भारत के बीच बॉर्डर पर जमकर सैनिकों के बीच में झड़प हो रही है। इन जवानों में से कितने ही सैनिक ऐसे थे जो वीरगति को प्राप्त हो गए हैं और कई सैनिक झड़प में गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे। 15 जून को गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में हमने अपने कई जाबांजों को खोया और कई सैनिक गंभीर रूप से घायल भी हुए। गलवां घाटी में हुई झड़प के दौरान उत्तराखंड के अस्कोट स्थित धौलाकोट कभड़िया निवासी नायक पूरन सिंह कुंवर भी घायल हो गए थे। लंबे समय से उनका उपचार चल रहा था। खुशी की बात यह है कि वे सब पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और बीते गुरुवार को घर भी पहुंच चुके हैं। घर पहुंचने के बाद उनके घर पर जश्न का माहौल था। लोगों ने फूल मालाएं पहनाकर उनका हार्दिक अभिनंदन किया इसके बाद खुली जीप में बैठकर उनको पूरे क्षेत्र में घुमाया। आगे पढ़िए।
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बता दें 17 कुमाऊँ रेजीमेंट में तैनात नायक पूरन सिंह बीते 15 जून को गलवां घाटी में हुई जबरदस्त झड़प के दौरान वहां पर तैनात थे। चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में नायक पूरन सिंह कुंवर बुरी तरह घायल हो गए थे और झड़प के दौरान उनके पैर में गंभीर चोटें आई थी, जिसके बाद से उनका सेना के अस्पताल में उपचार चल रहा था। पूरी तरह स्वस्थ होकर वह बीते बुधवार को अपने गांव वापस लौटे। उनको सही-सलामत देख कर उनके परिजनों समेत पूरे गांव में जश्न का माहौल छा गया। लोगों ने उनका स्वागत फूल-माला पहना कर किया। उनको दीर्घ आयु की शुभकामनाएं दीं। गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने उनको मिठाई खिला कर उनको आशीर्वाद दिया। पूरे गांव में खुशी का माहौल देखने को मिला। पूरन सिंह के माता-पिता का भी लोगों ने फूलमालाएं पहना कर स्वागत किया। शिक्षक गोविंद भंडारी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। वहीं इस मौके पर समाजसेवी मनोज लुंठी, थानाध्यक्ष पीआर आगरी, सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर होशियार सिंह पाल, विक्रम पाल, मनोज लुंठी, प्रकाश पाल, भूपाल कुंवर, अनूप लुंठी, हीरा सिंह भंडारी, तेज सिंह पाल, विजेंद्र भंडारी, नारायण बिष्ट, अजय, गणेश, दीपक हरीश पाल, ललित लुंठी, ललित पाल, महेंद्र जेठी, डिगर सिंह, शेर सिंह अधिकारी, खीम सिंह लुंठी, गोविंद भंडारी, सहित कई लोग मौजूद रहे।