गढ़वाल: डीएम मंगेश घिल्डियाल ने किया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का निरीक्षण, दिए ये निर्देश
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने शिवपुरी पहुंचकर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन परियोजना के कार्य का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
Sep 1 2020 4:41PM, Writer:Komal Negi
कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन के बाद अनलॉक-4 की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ उत्तराखंड में बड़ी परियोजनाओं का काम रफ्तार पकड़ने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना आकार लेने लगी है। परियोजना का काम पूरा होने के बाद उत्तराखंड के चारधाम रेल सेवा के जरिए आपस में जुड़ जाएंगे। राज्य सरकार परियोजना के काम पर नजर बनाए हुए है। पिछले दिनों टिहरी गढ़वाल के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने शिवपुरी पहुंचकर परियोजना के कार्य का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए, साथ ही काम में तेजी लाने को कहा।
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इससे पहले जिला कार्यालय सभागार में डीएम मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक हुई। जिसमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन परियोजना के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में शिवपुरी रेंज की आरक्षित वन भूमि का मुद्दा भी उठा। इस जमीन पर ईश्वरी प्रसाद गैरोला ने अपना स्वामित्व दर्शाया है। मामले को लेकर डीएम ने फॉरेस्ट, रेलवे और राजस्व अधिकारियों को संबंधित जगह का संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए, ताकि जमीन विवाद संबंधी मामले का निस्तारण हो सके। डीएम ने रेल मार्ग पर होने वाली कटिंग और फिलिंग को खनन कार्यवाही से बाहर रखने संबंधी मामले में नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
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डीएम ने कार्यदायी संस्था से कहा कि निर्माण के दौरान निकले मलबे से खनिज और पत्थरों का उपयोग करने पर जल्द से जल्द रॉयल्टी राजकोष में जमा कराएं। बाद में डीएम ने शिवपुरी पहुंच कर परियोजना के कार्य का जायजा लिया। इस दौरान डीएम के साथ नरेंद्रनगर की एसडीएम युक्ता मिश्रा और रेल विकास निगम के अधिकारी भी मौजूद थे। आपको बता दें कि पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन 16 पुलों और 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच कुल 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाने हैं। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ राज्य की चारधाम यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि समूचे पहाड़ की लाइफ लाइन साबित होगा।