गढ़वाल में 7 साल की स्मृति रावत को गुलदार ने मार डाला..जंगल में मिली लाश
7 साल की स्मृति के पिता दिल्ली में जॉब करते हैं। वो तीन दिन पहले ही घर आए थे, ताकि बच्चों के साथ वक्त बिता सकें, लेकिन रविवार रात हुई अनहोनी ने सब खत्म कर दिया।
Oct 12 2020 9:11PM, Writer:Komal Negi
कोरोना संक्रमण काल में जंगली जानवर पहाड़ के लोगों के लिए दहशत का सबब बने हुए हैं। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक ऐसा कोई जिला नहीं, जहां से इंसानों पर गुलदार के हमले की खबरें ना आ रही हों। बुजुर्ग और मासूम बच्चे गुलदार का निवाला बन रहे हैं। टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में भी यही हुआ। यहां 7 साल की मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया। बच्ची की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घटना नरेंद्रनगर ब्लॉक के दोगी ग्रामसभा के पीपलसारी गांव की है। जहां 7 साल की स्मृति गुलदार के हमले में मारी गई। पीपलसारी गांव में मुकेश रावत अपने परिवार के साथ रहते हैं। बीती रात करीब साढ़े नौ बजे उनकी 7 साल की बेटी स्मृति शौच करने के लिए घर के बाहर आंगन में गई थी, लेकिन किसे पता था कि आंगन में गुलदार की शक्ल में मौत उसका इंतजार कर रही है। बच्ची जैसे ही घर से बाहर निकली घात लगाए गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची की चीख-पुकार सुन परिजन घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े, लेकिन तब तक सबकुछ खत्म हो चुका था।
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बच्ची का कुछ पता नहीं चला। बाद में परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से बच्ची की तलाश शुरू की। पुलिस को भी सूचना दी। तब रात लगभग साढ़े 12 बजे बच्ची का शव घर से लगभग 700 मीटर दूर जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला। बच्ची के पिता मुकेश रावत दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं। 3 दिन पहले ही वो घर आए थे, ताकि अपने बच्चों के साथ थोड़ा वक्त बिता सकें, लेकिन किसे पता था कि स्मृति के साथ अनहोनी हो जाएगी। स्मृति का एक भाई भी है। दोनों बच्चों पर माता-पिता जान छिड़कते थे, लेकिन रविवार की रात सब खत्म हो गया। बच्ची की मौत के बाद क्षेत्र में मातम पसरा है। परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए हैं। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने घटना पर रोष जताते हुए वन विभाग से गुलदार को नरभक्षी घोषित कर मारने की मांग की। साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा देने को भी कहा।