उत्तराखंड: अब बेटियां भी होंगी पिता की संपत्ति की हकदार, रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम
राज्य सरकार के इस कदम से परिवार में बेटियों की स्थिति मजबूत होगी। उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा।
Oct 18 2020 3:05PM, Writer:Komal Negi
नवरात्र पर्व की शुरुआत हो गई है। ये पर्व हमें आत्ममंथन करने का अवसर देता है। महिलाओं को समानता और सुरक्षा का अधिकार देने की बात कहता है। इस पावन मौके पर उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की बेटियों को ऐसा शानदार तोहफा दिया है, जिसकी सालों तक मिसाल दी जाएगी। उत्तराखंड में अब बेटियों को भी अपने पिता की संपत्ति पर हक मिलेगा। पिता के निधन के बाद जमीन और मकान के राजस्व रिकॉर्ड में बेटों के साथ-साथ अविवाहित बेटी का नाम भी दर्ज किया जाएगा। राजस्व विभाग फिलहाल प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जिसे कैबिनेट की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। महिलाओं को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई अहम फैसले लिए गए हैं।
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राजस्व विभाग अब अविवाहित बेटी का नाम भी पिता की संपत्ति के रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। इस तरह पहाड़ की बेटियां भी अपने भाइयों की तरह पिता की संपत्ति में बराबर की हकदार होंगी। राजस्व विभाग के मुताबिक इस फैसले के बाद अगर किसी व्यक्ति का निधन होता है। तो उसकी प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड में पत्नी, बेटों और बेटों की पत्नियों के साथ ही अविवाहित बेटी का नाम भी दर्ज होगा। इससे अविवाहित बेटियां भी पिता की संपत्ति में अधिकार पा सकेंगी। जिससे संपत्ति को लेकर होने वाले विवाद कम होंगे। महिलाओं को समानता के अधिकार के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। राज्य सरकार राजस्व रिकॉर्ड में पति के साथ पत्नी का नाम दर्ज करने की भी तैयारी कर रही है। सरकार के इस कदम से महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा। साथ ही बैंक से कर्ज के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी।
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राज्य सरकार की तरफ से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गई है। जमीन की खरीद-फरोख्त में स्टांप शुल्क में 1.25 प्रतिशत छूट का प्रावधान है। महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रुपये तक बिना ब्याज के लोन दिया जा रहा है। पंचायतों में 50 प्रतिशत और नगर निकायों में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है। अब अविवाहित बेटियों का नाम पिता के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी है। साथ ही पत्नी का नाम भी पति के साथ राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। जिसके बाद वो बैंक से आसानी से लोन हासिल कर सकेंगी। उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा। राज्य सरकार के इस फैसले से परिवार और समाज में बेटियों की स्थिति मजबूत होगी।