उत्तराखंड में मिला वह दुर्लभ जीव..जिसकी तलाश दुनियाभर के वैज्ञानिकों को है
उत्तराखंड के रामनगर वन प्रभाग में एक फोटो शूट करने के दौरान दुर्लभ किस्म का उल्लू कैमरे में कैद हो गया है जिसका नाम स्पॉट बैलिड ईगल आउल है।
Oct 18 2020 3:32PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड राज्य अपनी प्राकृतिक वादियों एवं खूबसूरती के लिए तो मशहूर है ही, मगर इसी के साथ देवभूमि में दुर्लभ प्रजाति के जीवों की एक अनोखा और अद्भुत दुनिया में बसी हुई है। राज्य की जैव विविधता बहुत ही अद्भुत है। उत्तराखंड अपने अंदर काफी मजबूत जैव विविधता को समेटे हुए है और राज्य के कई वन संरक्षण केंद्रों से कई बार दुर्लभ प्रजातियों के वन्यजीवों के मिलने की खुशखबरी भी मिलती रहती है। हाल ही में रामनगर में भी उल्लू के एक दुर्लभ किस्म की प्रजाति की तस्वीर कैद हो गई है जिससे वन प्रभाग के अधिकारियों एवं कर्मच के बीच खुशी की लहर है। एक फोटो शूट करने के दौरान दुर्लभ किस्म का उल्लू कैमरे में कैद हो गया है जिसका नाम स्पॉट बैलिड ईगल आउल है। यह दुर्लभ प्रजाति का जीव है जिसको वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार ने अपने कैमरे में कैद किया है। इस दुर्लभ प्राणी का दिखना यह दर्शाता है कि उत्तराखंड वाकई जैव विविधता
का एक सशक्त उदाहरण है और कई जीवों की दुर्लभ प्रजातियों ने उत्तराखंड में अपना संसार बसा रखा है।
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बता दें कि रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत कई ऐसे पशु-पक्षी मौजूद हैं जो कि बेहद दुर्लभ प्रजाति के हैं और यह कभी-कभार ही लोगों की निगाह में आते हैं। एक ऐसे ही उल्लू की अनोखी प्रजाति को वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार ने अपने कैमरे में कैद कर लिया है जिसका नाम स्पॉट बैलिड ईगल आऊल है। यह उल्लू की ही प्रजाति का पक्षी है मगर इस उल्लू की प्रजाति का आकार बड़ा होता है। यह उल्लू शिकार करने में महारथी होता है। इस उल्लू को ईगल आउल इसलिए कहा गया है क्योंकि यह बेहद शक्तिशाली होता है और अपने से बड़े जीवों का शिकार भी कर लेता है। यह उल्लू घने जंगलों में ही पाया जाता है। यह शिकारी पक्षी है और रात में ही सक्रिय रहता है। कई लोग इसको फॉरेस्ट आउल के नाम से भी जानते हैं।
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वहीं दीप रजवार जो कि एक प्रोफेशनल वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर है और जिनके कैमरे में इस शिकारी और दुर्लभ उल्लू की तस्वीर कैद हुई है उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे दुर्लभ पक्षी का क्षेत्र में देखना रामनगर वन प्रभाग क्षेत्र की मजबूत जैव विविधता का एक जीवंत उदाहरण है। दीप बताते हैं कि है यह उल्लू बेहद ताकतवर होता है और शिकारी पक्षी के नाम से जाना जाता है। यह पक्षी दिन में आराम करता है और घने जंगलों के बीच में पेड़ के पत्तों के पीछे छिपा रहता है। बहुत ही कम ऐसा होता है कि यह पक्षी दिन में भी शिकार करता है वरना तकरीबन यह रात में ही अपना शिकार के लिए निकलता है। बता दें कि यह उल्लू बेहद शक्तिशाली पक्षियों में से एक माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि फॉरेस्ट आउल की खासियत क्या है? यह इतना ताकतवर होता है कि अपने से कई गुना बड़े पक्षियों और जीवों का भी शिकार करता है। फोटोग्राफर दीप का कहना है यह उल्लू पहले भी क्षेत्र में एक बार दिखाई दिया है मगर उस समय इसकी फोटो नहीं खींची जा सकी। इस बार फोटो के रूप में इस उल्लू के मौजूदगी की पुष्टि हुई है जो कि वन प्रभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों समेत सभी वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी खुशखबरी है।