गढ़वाल: भालू के आतंक से गांवों में दहशत..गौशाला तोड़कर गाय और 3 बछड़ों को मार डाला
नौगांव के साथ-साथ भटवाड़ी ब्लॉक के रैथल, नटीण और बंद्राणी गांव में भालू का आतंक चरम पर है। यहां भालू ने गोशाला तोड़कर कई मवेशियों को मार डाला। खेतों में खड़ी फसल भी बर्बाद कर दी।
Oct 22 2020 9:55AM, Writer:Komal Negi
पहाड़ के लोग आज भी जीवनयापन के लिए खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं, लेकिन इन दिनों लोग ना तो खेती कर पा रहे हैं और ना ही पशुपालन। वजह है जंगली जानवरों का बढ़ता आतंक। लोग खेत में फसल बोते हैं तो जंगली सुअर और बंदर फसल बर्बाद कर देते हैं। वहीं मवेशी गुलदार और भालू का शिकार बन रहे हैं। ताजा मामला उत्तरकाशी का है। जहां भालू ने दो अलग-अलग जगहों में कई मवेशियों को मार डाला। जिन पशुपालकों के मवेशी मारे गए, वो मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पहली घटना भटवाड़ी ब्लॉक की है। जहां भंकोली गांव में रविवार की रात भालू दीवार तोड़कर गोशाला में घुस गया। वहां भालू ने गोशाला में बंधी गाय को मार डाला। दो बैल भी भालू के हमले में घायल हुए हैं। भंकोली गांव में रहने वाले मानवेंद्र सिंह ने बताया कि बीते रविवार की शाम वो मवेशियों को चारा देकर घर आ गए थे। सोमवार को जब वो दोबारा चारा देने गए तो गोशाला टूटी मिली। वहां बैल भी नहीं थे। खोजबीन करने पर गोशाला से कुछ दूरी पर गाय मरी हुई मिली। जिसे भालू ने खाया हुआ था। दोनों बैल भी घायल अवस्था में गोशाला से काफी दूर मिले। आगे पढ़िए
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ऐसी ही एक घटना बड़कोट में भी हुई है। यहां नौगांव ब्लॉक के राना गांव में भालू ने गाय के तीन बछड़ों को निवाला बनाया है। सोमवार रात को राना गांव में भालू ने राजेंद्र सिंह चौहान की गोशाला को तोड़कर दो बछड़ों को अपना निवाला बनाया। इससे पहले भी गांव के डब्बू लाल के बछड़े को भालू ने मार दिया था। क्षेत्र में भालू की बढ़ती धमक से लोग डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि भालू ने आधा दर्जन से ज्यादा छानियां तोड़ी हैं। भालू के डर से लोग खेतों में नहीं जा पा रहे। शीतकाल की शुरुआत होते ही भालू आबादी वाले इलाकों का रुख करने लगे हैं। नौगांव के साथ-साथ भटवाड़ी ब्लॉक के रैथल, नटीण और बंद्राणी गांव में भालू काश्तकारों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मवेशियों को मार रहे हैं। लोगों ने वन विभाग से भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। साथ ही पीड़ितों को मुआवजा देने को भी कहा।