उत्तराखंड: ओखलकांडा में गुलदार का आतंक...24 घंटे के भीतर 2 बेटियों को मार डाला
पहले गुलदार ने तुषराण गांव में एक बच्ची को मार डाला। गांव के लोग इस सदमे से अब तक उबरे भी नहीं थे कि कूकना गांव के बजवाल तोक से भी एक बुरी खबर आ गई।
Oct 23 2020 8:03PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में मानव-गुलदार संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, लेकिन वन विभाग इसे रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना नहीं बना पा रहा। नैनीताल जिले में गुलदार के आतंक से लोग दहशत में हैं। यहां 24 घंटे के भीतर गुलदार ने दो लोगों को अपना निवाला बना लिया। पहले तुषराण गांव में गुलदार ने एक बच्ची को मार डाला। गांव के लोग अब तक इस सदमे से उबर भी नहीं पाये थे कि कूकना गांव के बजवाल तोक से भी एक बुरी खबर आ गई। यहां गुलदार ने 18 साल की युवती को मार डाला। युवती की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है।ओखलकांडा ब्लॉक में नरभक्षी का आतंक बरकरार है। यहां 24 घंटे के भीतर गुलदार ने दो घरों की खुशियां छीन लीं। बच्चों की मौत के बाद लोग दहशत में हैं। लोगों में वन विभाग को लेकर गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। गुलदार के हमले की ताजा घटना कूकना गांव में हुई। यहां गुरुवार शाम 6 बजे 18 वर्षीय चंपा अपने घर से कुछ दूरी पर घास काट रही थी। इसी दौरान गुलदार ने चंपा पर हमला कर दिया, और उसे घसीट कर ले गया।
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ग्रामीण हल्ला कर के चंपा को बचा पाते, उससे पहले ही गुलदार उसे घसीटते हुए जंगल में ले गया। घटना के बाद बदहवास परिजन जंगल की तरफ दौड़ पड़े। ग्रामीण और परिजन पूरे जंगल में चंपा को ढूंढते रहे। दो घंटे बाद चंपा मिली तो, लेकिन अफसोस कि वो जिंदा नहीं थी। गुलदार ने उसके आधे शरीर को खा लिया था। घर की लाडली बेटी का क्षत-विक्षत शव देख परिजन बेहोश हो गए। चंपा की मौत के बाद मां भगवती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। चंपा गांव में रहने वाले प्रकाश परगाईं की बेटी थी। तीन बहनों और एक बेटे वाले परिवार में चंपा दूसरे नंबर की बेटी थी। इस वक्त चंपा चोरगलिया राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं में पढ़ रही थी। घटना के बाद गांव में दहशत है। लोगों ने वन अधिकारियों से गुलदार को नरभक्षी घोषित कर उसके खात्मे की मांग की।