वाह उत्तराखंड: महिला पर झपटा खूंखार गुलदार, वफादार कुत्ते ने बचाई मालकिन की जान
मालकिन की जान खतरे में देख कुत्ता गुलदार से भिड़ गया। इस तरह मालकिन की जान बच गई, लेकिन गुलदार के हमले में कुत्ता बुरी तरह घायल हुआ है। आगे पढ़िए पूरी खबर
Oct 27 2020 2:14PM, Writer:Komal Negi
कहते हैं कि कुत्ते इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं और जरूरत पड़ने पर जान भी बचाते हैं। अल्मोड़ा में ये बात एक बार फिर सच साबित हुई। यहां बीती रात एक महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। महिला की चीख सुनकर पालतू कुत्ता तुरंत मालकिन की तरफ दौड़ पड़ा। मालकिन की जान खतरे में देख कुत्ता गुलदार से भिड़ गया। इस तरह मालकिन की जान बच गई, लेकिन गुलदार के हमले में कुत्ता बुरी तरह घायल हुआ है। घटना द्वाराहाट के रड़ा गांव की है। जहां बीती रात रमेश चंद्र पुजारी की पत्नी कमला देवी पर गुलदार ने हमला कर दिया। जान बचाने के लिए महिला चीखी-चिल्लाई। तभी उनका पालतू कुत्ता मालकिन को बचाने के लिए गुलदार पर टूट पड़ा। इस तरह कुत्ते की बहादुरी से महिला की जान बच गई। हालांकि कुत्ता गंभीर रूप से घायल हुआ है। पूरे गांव में कुत्ते की वफादारी चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग उसकी बहादुरी को सराह रहे हैं।
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कमला देवी ने बताया कि रात के वक्त वो किसी काम से घर से बाहर निकलीं थीं, तभी आंगन की ओट में छिपे गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। अगर उनके पालतू कुत्ते ने बहादुरी ना दिखाई होती तो वो बच नहीं पातीं। पूरा परिवार कमला देवी की सलामती से खुश है, और ये सब सिर्फ उनके पालतू कुत्ते की बदौलत ही हो पाया। इस वक्त अल्मोड़ा और नैनीताल समेत ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में गुलदार की दहशत कायम है। नैनीताल में एक हफ्ते के भीतर गुलदार ने 3 युवतियों को मार डाला। अल्मोड़ा में भी लमगड़ा, धौलादेवी, हवालबाग और ताड़ीखेत समेत ज्यादातर गांवों में शाम ढलते ही गुलदार दिखने लगते हैं। जिससे लोग डरे हुए हैं। शिकारी लखपत सिंह रावत कहते हैं कि अक्टूबर में गुलदारों का प्रजनन काल शुरू हो जाता है। ऐसे में गुलदार के जोड़े आक्रामक रहते हैं। खासतौर पर मादा गुलदार इस दौरान ज्यादा हिंसक हो जाती हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।