गढ़वाल में बिजली विभाग की कारस्तानी देखिए, गरीब परिवार को थमाया 9 लाख 94 हजार का बिल
पीड़ित ने बताया कि पूरे लॉकडाउन में कोई भी कर्मचारी विभाग की तरफ से रीडिंग नोट करने नहीं आया और अब उन्हें 9 लाख 94 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया। आगे जानिए पूरा मामला
Oct 27 2020 3:26PM, Writer:Komal Negi
दो साल पहले एक फिल्म आई थी ‘बत्ती गुल मीटर चालू’। ये फिल्म उत्तराखंड में बिजली विभाग की अंधेरगर्दी पर बेस्ड थी। फिल्म के जरिए बताया गया कि कैसे दूसरे राज्यों को बिजली देने वाला उत्तराखंड खुद अंधेरे में है। उस पर लोगों के घर लाखों के बिल भेजे जा रहे हैं। फिल्म का हीरो बिजली के भारी-भरकम बिल को देख खुदकुशी करने निकल पड़ता है। ये तो हुई फिल्म की बात, लेकिन पौड़ी के श्रीनगर गढ़वाल में सच में ऐसा हुआ है। ईटीवी की खबर के मुताबिक यहां एक किसान को बिजली विभाग ने 9 लाख 94 हजार रुपये का बिल थमा दिया। अब जरा सोचिए जो परिवार बड़ी मुश्किल से गुजर-बसर करता हो, उस पर लाखों का बिल देखकर क्या गुजर रही होगी। पीड़ित परिवार सदमे में है। समझ नहीं आ रहा क्या करें। चलिए पूरा मामला बताते हैं। कीर्तिनगर ब्लॉक में एक गांव है भड़ोली। यहां किसान नरेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। फरवरी महीने में इनके घर 9 हजार रुपये का बिजली का बिल आया था। बिल काफी ज्यादा था। मीटर में गड़बड़ी थी। जिस पर विभाग ने पीड़ित के घर में चेक मीटर भी लगवा दिया। नरेंद्र राहत महसूस कर रहे थे, लेकिन इस बार बिजली विभाग ने नरेंद्र को एक बार फिर तगड़ा झटका दे दिया। उनका एक महीने का बिजली का बिल 9 लाख 94 हजार रुपये आया है। आगे पढ़िए
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नरेंद्र और उनका परिवार हैरान-परेशान है। पीड़ित ने बताया कि पूरे लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति विभाग की तरफ से रीडिंग नोट करने नहीं आया और अब उन्हें 9 लाख 94 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि हजारों-लाखों रुपये के बिजली बिल से नागरिक हैरान-परेशान हैं। बिजली विभाग की बिल वसूली से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। मामले को लेकर स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों ने विद्युत वितरण खंड श्रीनगर में विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। साथ ही ये भी कहा कि मीटर रीडिंग में ठेकेदारी प्रथा बंद होनी चाहिए। मीटर रीडिंग का काम विभागीय स्तर पर शुरू किया जाए। वहीं पूरे मामले को लेकर एसडीओ कीर्तिनगर ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिलने पर मामले की जांच की जाएगी।