देहरादून में 2 नवंबर से स्कूल खुलने के आसार कम, जानिए वजह
राजधानी देहरादून में निजी स्कूलों के खुलने की संभावना कम ही लग रही है। इसके पीछे कई वजहें हैं। आगे पढ़िए पूरी खबर
Oct 30 2020 2:00PM, Writer:Komal Negi
कोरोना काल में अनलॉक के तहत धीरे-धीरे सभी सेवाएं बहाल की जा रही हैं। 2 नवंबर से प्रदेशभर में स्कूल भी खुल जाएंगे। पहले चरण में 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा। एसओपी भी जारी कर दी गई है, लेकिन स्कूल खुलेंगे या नहीं इसे लेकर अब तक कुछ क्लीयर नहीं हो पाया है। बात करें देहरादून की तो यहां निजी स्कूलों के खुलने की संभावना कम ही लग रही है। इसके पीछे कई वजहें हैं। पहली वजह तो ये है कि पैरेंट्स अभी बच्चों को स्कूल भेजने का मन नहीं बना पाए हैं। सुरक्षा को लेकर होने वाले इंतजामों को लेकर उनके मन में डाउट है। निजी स्कूल संचालक भी स्कूल खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। इसके पीछे सरकार द्वारा थोपे गए नियम एक बड़ा कारण हैं। दरअसल सरकार ने एसओपी में शर्त रखी है कि अगर आवासीय स्कूल में किसी बच्चे को संक्रमण हुआ तो स्कूल जिम्मेदार होंगे। ऐसा होने पर स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही वजह है कि निजी स्कूल जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। आगे पढ़िए
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प्रोग्रेसिव प्रिंसिपल स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप कहते हैं कि अगर शर्त नहीं हटाई गई तो स्कूल किसी सूरत में नहीं खोलेंगे। अभी सिर्फ 10 फीसद अभिभावकों ने स्कूल संचालकों से बच्चों को स्कूल भेजने की सहमति जताई है। ऐसा होने पर स्कूलों पर दोहरा दबाव पड़ेगा। स्कूल के संसाधन जैसे शिक्षक, कर्मचारी और बस अलग से इस्तेमाल होंगे। इसलिए तय किया गया है कि जब 50 फीसदी बच्चे स्कूल आने के लिए राजी हों, तभी स्कूल खोले जाएंगे। 50 फीसदी बच्चों के लिए बस भी नहीं चलाई जाएगी। स्कूल प्रिंसिपल्स ने हरियाणा सरकार की तर्ज पर निजी स्कूलों को अपनी एसओपी जारी करने और स्कूल संचालक और प्रिंसिपल को फैसले लेने की छूट देने की मांग की। फिलहाल जैसे हालात बने हुए हैं, उसे देखते हुए ज्यादातर निजी स्कूलों के बंद रहने की संभावना दिख रही है। वहीं एसओपी जारी होने के बाद दून प्रशासन स्कूल खोलने की तैयारी में जुट गया है। डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने स्कूल खोलने से पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। आवासीय विद्यालयों के प्रबंधकों को जल्द आवेदन करने को कहा गया है।