उत्तराखंड: त्योहारी सीजन में पहाड़ तक पहुंचे मिलावटखोर..दूध, पनीर, मावा खरीदने वाले सावधान
दिवाली पर डिमांड बढ़ने के साथ ही खाद्य पदार्थों में मिलावट बढ़ गई है। मीठे जहर के सौदागरों की धरपकड़ के लिए पहाड़ में अभियान चलाया जा रहा है।
Nov 9 2020 7:12PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
त्योहारी सीजन है। ऐसे में अगर आप दूध से बनी मिठाईयां खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए। क्योंकि त्योहारी सीजन में शातिर लोग आपके स्वास्थ्य के साथ बड़ा खिलवाड़ करने की तैयारी कर रहे हैं। अल्मोड़ा-बागेश्वर में मिलावटी दूध पहुंचने लगा है। मीठे जहर के सौदागरों की धरपकड़ के लिए प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम लगातार छापे मार रही है। मिलावटी दुग्ध पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन हर जरूरी एहतियात बरत रहा है, लेकिन कार्रवाई का ज्यादा असर दिख नहीं रहा। दरअसल मैदानी क्षेत्रों से मिलावटी दुग्ध पदार्थ बिचौलियों के माध्यम से गुपचुप यात्री बस और जीपों के जरिए पहाड़ भेजे जाते हैं। दुकानदार भी सौदागरों के झांसे में आकर मिलावटी मावा सस्ते में खरीद लेते हैं। ऐसे लोगों को पकड़ना आज भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। पिछले कुछ सालों पर नजर दौड़ाएं तो काशीपुर, ऊधमसिंहनगर, रामनगर और कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में मिलावटी दुग्ध पदार्थों की खेप तो पकड़ी गई, लेकिन असल आरोपी फिर भी साफ बच गए। दरअसल मिलावटी खाद्य पदार्थ बसों-जीपों के जरिए मैदानी इलाकों से पहाड़ में भेजे जाते हैं, ऐसे में असली आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती। जिस नगर क्षेत्र में मिलावटी माल पकड़ा जाता है, वहां भी कोई व्यापारी जिम्मेदारी नहीं लेता। ऐसे में मिलावटखोरों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इन दिनों हल्द्वानी-अल्मोड़ा हाईवे पर चेकिंग के दौरान प्रशासन सख्ती बरत रहा है। जिसके बाद मिलावटखोरों ने रूट बदलकर रामनगर से वाया भतरौंजखान रानीखेत और अल्मोड़ा के बाद बागेश्वर का रुख करना शुरू कर दिया है।
इस दिवाली पर मिठाई की जगह लोगों के घर मीठा जहर ना पहुंचे, इसके लिए प्रशासन और खाद्य विभाग की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। जनचेतना अभियान भी चलाया जा रहा है। बागेश्वर में डीएम के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने बागेश्वर और गरुड़ बाजार में सघन चेकिंग अभियान चलाया। यहां एक निजी कंपनी के दूध, क्रीम, सेवई, बिस्किट और हल्दी पाउडर के सैंपल लिए गए। भिकियासैंण में भी प्रशासन की टीम ने दुकानों का औचक निरीक्षण किया। मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है। मिलावटी दूध और दूसरे मिल्क प्रोडक्ट बनाने के लिए कास्टिक सोडा, डिटर्जेंट, यूरिया और घातक केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें चर्बी और डालडा भी मिलाए जा रहे हैं। जिससे आंतों में सूजन आ सकती है। पेट संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। ये केमिकल किडनी को डैमेज कर सकते हैं। इसलिए खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करते वक्त सावधान रहें।