पहाड़ का बेमिसाल किसान..गांव में लगाया मशरूम प्लांट, कई लोगों को रोजगार..कमाई भी शानदार
लॉकडाउन के दौरान रोजगार का संकट पैदा हो गया था। तब लाल सिंह ने कुछ ऐसा काम करने की सोची, जिससे साल भर आमदनी होती रहे।
Nov 18 2020 12:22PM, Writer:Komal Negi
पलायन को मजबूरी का नाम देने वाले लोगों को नैनीताल के काश्तकार लाल सिंह धपोला से सीख लेने की जरूरत है। कोरोना काल में जब पहाड़ के हजारों युवा अनिश्चितता भरे माहौल में निराशा का सामना कर रहे थे। उस वक्त लाल सिंह अपने क्षेत्र में हाईटेक मशरूम प्लांट स्थापित करने में व्यस्त थे, ताकि खुद के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे सकें। अब उनके करीब पौन बीघा क्षेत्र में तैयार प्लांट में उत्पादन की पहली फसल आ चुकी है, जिसे लेकर वो बेहद उत्साहित हैं। लाल सिंह धपोला लालकुआं क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने करीब पौन बीघा क्षेत्र में एक रूम तैयार कर वहां मशरूम प्लांट लगाया है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस प्लांट में पूरे सालभर मशरूम का उत्पादन होता है। ये प्लांट पूरी तरह एयर कंडीशंड है। प्लांट के जरिए लाल सिंह ने ना सिर्फ खुद के लिए आय का संसाधन तैयार किया, बल्कि इसके जरिए 12 से ज्यादा युवाओं को रोजगार भी दिया है। गंगारामपुर हल्दूचौड़ में रहने वाले लाल सिंह बताते हैं कि प्लांट के निर्माण में एक करोड़ की लागत आई। उन्हें इसके लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के हॉर्टिकल्चर मिशन फॉर नार्थ ईस्ट एवं हिमालयन स्टेट्स योजना के तहत मदद मिली है। आगे पढ़िए
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वर्तमान में प्लांट से मशरूम की नई खेप निकल रही है। काश्तकार लाल सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार का संकट पैदा हो गया था। ऐसे वक्त में उन्होंने कुछ ऐसा करने की सोची, जिससे सालभर आमदनी होती रहे। यहीं से उन्हें साल भर मशरूम उत्पादन करने वाला प्लांट स्थापित करने का आइडिया आया। अपने सपने को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ लिया। इस तरह प्लांट बनकर तैयार हो गया। यहां से मशरूम की पहली खेप निकल गई है। जिसकी कीमत करीब सात लाख रुपये है। प्लांट से हर दिन तीन से पांच कुंतल मशरूम निकाल कर मंडी में बेचा जा रहा है। मशरूम के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। पहली खेप में 50 कुंतल मशरूम निकलने की उम्मीद है। इस हाइटेक प्लांट से साल भर में मशरूम की 6 खेप निकल जाएंगी। रविवार को कृषि वैज्ञानिकों ने भी प्लांट का निरीक्षण किया। साथ ही मशरूम उत्पादन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी।