देहरादून में सबसे ज्यादा वोटर्स, रुद्रप्रयाग में सबसे कम…जानिए हर जिले में वोटर्स के आंकड़े
प्रदेश की राजधानी देहरादून में सबसे ज्यादा वोटर्स हैं, वहीं रुद्रप्रयाग जिला प्रदेश का ऐसा जिला है, जहां सबसे कम मतदाता हैं। हालांकि महिला मतदाताओं के अनुपात के मामले में रुद्रप्रयाग टॉप पर है।
Nov 20 2020 7:46PM, Writer:Komal Negi
साल 2022 का चुनावी रण करीब है। अगले विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ ही वक्त बचा है। राजनीतिक पार्टियां जहां चुनावी अभियान की तैयारी में जुटी हैं तो वहीं निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची बनाने का काम जारी है। प्रदेश की अनंतिम वोटर लिस्ट भी जारी कर दी गई है। इस लिस्ट के आंकड़ों के अनुसार बात करें वोटर्स की तो सबसे ज्यादा वोटर्स जिस जिले में हैं, वो है प्रदेश की राजधानी देहरादून। यहां 1378597 वोटर्स हैं। वोटर्स की ये संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा है। अब उस जिले के बारे में भी जान लें, जहां सबसे कम मतदाता संख्या है। ये जिला है रुद्रप्रयाग। यहां प्रदेश में सबसे कम 187795 वोटर्स हैं। बात करें पूरे प्रदेश के वोटर्स की तो प्रदेश में कुल वोटर्स की संख्या 7738477 है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 403624 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 3701912 है। इस तरह प्रदेश में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा है। जो कि चुनाव के वक्त सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी। आगे पढ़िए
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बात करें पिछले विधानसभा चुनाव की, तो साल 2017 में हुए चुनाव के दौरान कुल 7610126 मतदाता रजिस्टर्ड थे। पिछले तीन साल में वोटर लिस्ट में 1.28 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। जिनमें तकरीबन 35 हजार पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 92822 है। प्रदेश में सिर्फ दो जिले ऐसे हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा है। रुद्रप्रयाग जिले की स्थिति इस मामले में बेहतर है। यहां 1000 पुरुषों की तुलना में 1018 महिला वोटर्स हैं। इसी तरह पिथौरागढ़ में 1000 पुरुष वोटर्स की तुलना में 1002 महिला वोटर्स हैं। हरिद्वार जिले में महिला वोटर्स की संख्या तुलनात्मक रूप से काफी कम है। यहां 1000 पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या सिर्फ 868 ही है। मुख्य राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की तरफ से हर जिले में महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या कहती हैं कि आयोग का मकसद जनगणना के अनुसार दर्ज लिंगानुपात के अनुसार ही वोटर्स का अनुपात भी लाना है। इसके लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं।