उत्तराखंड: गंगोत्री से केदारनाथ के बीच घटेगी 144 Km दूरी..जानिए इस ड्रीम प्रोजक्ट की खास बातें
अभी श्रद्धालुओं को गंगोत्री से केदारनाथ जाने के लिए 354 किमी का सफर तय करना पड़ता है। प्रस्तावित मोटर मार्ग बनने से ये दूरी 210 किमी रह जाएगी।
Nov 21 2020 5:29PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। प्रदेश की सीमाएं चीन और नेपाल जैसे देशों से सटी है। ऐसे में केंद्र की मदद से यहां सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश में कई बड़ी सड़क परियोजनाएं चल रही हैं। सिंगल लेन सड़कों को डबल लेन रोड बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने एक और महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। सरकार गंगोत्री से बूढ़ाकेदार और केदारनाथ का नया रोड नेटवर्क तैयार करने की संभावना तलाश रही है। भटवाड़ी से बूढ़ाकेदार तक रोड बनाने के लिए सर्वेक्षण की मंजूरी मिल गई है। शुरुआती सर्वे के लिए बजट स्वीकृति का शासनादेश जारी हो गया है। इस प्रस्तावित मोटर मार्ग के बनने से गंगोत्री और केदारनाथ धाम के बीच दूरी करीब 210 किमी ही रह जाएगी। अभी श्रद्धालुओं को गंगोत्री से केदारनाथ जाने के लिए 354 किमी का सफर तय करना पड़ता है। राज्य सरकार सड़क कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में कार्य कर रही है। सड़कों के चौड़ीकरण का काम जारी है। इसी कड़ी में अब भटवाड़ी से बूढ़ाकेदार तक 45.50 किमी मार्ग बनाने के लिए सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है। प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है, उम्मीद है फाइनल सर्वे के बाद इस प्रोजेक्ट का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। आगे पढ़िए
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पहले चरण में मोटर मार्ग के सर्वे के लिए 6.56 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। सचिव लोनिवि आरके सुधांशु के निर्देश पर इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस तरह सरकार गंगोत्री से बूढ़ाकेदार और केदारनाथ का नया रोड नेटवर्क तैयार करने की दिशा में प्रयासरत है। यह योजना लंबे समय से प्रस्तावित है। कुछ महीने पहले जब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बूढ़ाकेदार गए थे, तब क्षेत्रीय लोगों ने चारधाम यात्रा के पुराने पैदल मार्ग को मोटर मार्ग में बदलने की मांग की थी। टिहरी के रहने वाले आरपी उनियाल भी इस मोटरमार्ग को बनवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से लगातार पत्राचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी करीब 354 किलोमीटर है। प्रस्तावित मोटर मार्ग के बन जाने के बाद ये दूरी 210 किमी रह जाएगी। इस तरह करीब 144 किमी दूरी कम हो जाएगी। बहरहाल शासन ने पहले चरण के प्रारंभिक सर्वे का आदेश जारी कर दिया है। सर्वे के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी।