देहरादून से दिल्ली का सफर होगा और भी आसान..बनेगी एलिवेटेड रोड, जानिए खूबियां
एनएचएआई गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बनाएगा। ये हिस्सा करीब 16 किमी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के सवाल पर एनएचएआई यहां एलिवेटेड रोड बनाने के लिए तैयार हो गया है।
Dec 1 2020 3:17PM, Writer:Komal Negi
देहरादून से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर है। गणेशपुर से मोहंड तक रोड बनाने को लेकर जो दिक्कतें सामने आ रही थीं, उसका समाधान निकल गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई अब यहां एलिवेटेड रोड बनाने को तैयार हो गया है। एनएचएआई की मंजूरी मिलने के बाद अब दिल्ली-दून हाईवे का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। एनएचएआई गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बनाएगा। ये हिस्सा करीब 16 किमी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के सवाल पर एनएचएआई यहां एलिवेटेड रोड बनाने के लिए तैयार हो गया है। दिल्ली-दून राजमार्ग के चौड़ीकरण संबंधी प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 19.38 किलोमीटर है। राजमार्ग चौड़ीकरण में वन्यजीवों की सुरक्षा का पेंच फंसा हुआ था। एनएचएआई 16 किमी भाग पर महज राजमार्ग चौड़ीकरण का काम कराना चाहता था, जबकि वन्यजीव विशेषज्ञ इसके खिलाफ थे। वन्यजीव विशेषज्ञों ने जानवरों की सुरक्षा का हवाला दिया। अब एनएचएआई गणेशपुर से मोहंड तक एलिवेटेड रोड बनाने को तैयार हो गया है। आपको बता दें कि सहारनपुर से लेकर देहरादून के बीच शिवालिक वन प्रभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है। यहां वन्यजीव अक्सर वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। यही वजह है कि रोड चौड़ीकरण की परियोजना में अब एलिवेटेड रोड को भी शामिल किया गया है।
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इस तरह अब दिल्ली से देहरादून का सफर सुगम तो होगा ही, वन्यजीव भी वनक्षेत्र में स्वच्छंद विचरण कर सकेंगे। बीते 30 जून को भारतीय वन्यजीव संस्थान, राजाजी टाइगर रिजर्व, एनएचएआई और शिवालिक वन प्रभाग के विशेषज्ञों ने इस जगह का सर्वे किया था। जिसके बाद 16 किलोमीटर वनक्षेत्र वाले भाग पर एलिवेटेड रोड बनाने का सुझाव दिया गया था। हालांकि बाद में गणेशपुर से लेकर मोहंड तक पूर्व में प्रस्तावित योजना के तहत सड़क को चौड़ा करने की बात की जाने लगी। जिस पर विशेषज्ञों का कहना था कि ऐसा करने पर 10 से 15 हजार पेड़ों को काटने की नौबत आएगी। वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। लिहाजा गणेशपुर के पास बुढ्ढावन नर्सरी के पास एलिवेटेड रोड को घुमाव देते हुए मोहंड नदी के साथ-साथ आगे बढ़ाया जाए। फिर इसे मोहंड पर पुरानी सड़क पर मिला दिया जाए। इस तरह ये मामला लंबे समय तक एचएनएआई के स्तर पर लंबित रहा। अब यहां एलिवेटेड रोड बनाने की मंजूरी मिल गई है।