उत्तराखंड: चीन बॉर्डर पर सेना की पहुंच होगी आसान, डबल लेन रोड का काम शुरू..जानिए खूबियां
नीती घाटी क्षेत्र में इस वक्त बर्फ जमी है। मार्च में बर्फ पिघलने के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मलारी से नीती गांव तक सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू कर देगा।
Dec 7 2020 2:19PM, Writer:Komal Negi
भारत-चीन के संबंधों में गतिरोध जारी है। सीमा पर तनाव कम नहीं हो रहा तो वहीं चीन की बौखलाहट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीन से लगती सीमा पर सड़कों के निर्माण का काम तेज कर दिया है। बात करें उत्तराखंड की तो यहां भी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के इंतजाम किए जा रहे हैं। भारत उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत सुविधाओं को बढ़ा रहा है, यहां सड़कों का जाल बिछा रहा है। इसी कड़ी में चमोली जिले की नीती घाटी के गांवों को डबल लेन सड़क सेवा से जोड़ने की तैयारी है। चीन सीमा से सटी नीती घाटी के 12 गांव जल्द ही डबल लेन सड़क सेवा से जुड़ जाएंगे। ये इलाका इस वक्त बर्फ से ढका है। मार्च में बर्फ पिघलने के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मलारी से नीती गांव तक सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू कर देगा। नीती घाटी में डबल लेन रोड होगी तो चीन बॉर्डर तक सेना के वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी। आगे पढ़िए
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ग्रामीणों को भी बेहतर संचार सेवाएं मिलेंगी। चमोली की नीती घाटी पर्यटन के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां भोटिया जनजाति के करीब 12 गांव हैं। यहां सेना के बड़े वाहनों की आवाजाही चुनौतीपूर्ण बनी रहती है, क्योंकि मलारी-नीती सड़क अभी तक सिंगल लेन है। सिंगल लेन रोड पर वाहनों की आवाजाही मुश्किल से हो पाती है। हादसों का डर भी बना रहता है। अब इस सड़क को बीआरओ डबल लेन करने जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत जोशीमठ से मलारी (60 किमी) तक बीआरओ रोड को डबल लेन बनाने का काम पूरा कर चुका है। जोशीमठ से मलारी तक डबल लेन रोड बन चुकी है। इसका डामरीकरण भी हो गया है। अब मलारी से नीती गांव तक बनी रोड को डबल लेन किया जाएगा। 20 किमी लंबी ये रोड बदहाल है, जिस पर गाड़ियों की आवाजाही मुश्किल से हो पाती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आगामी मार्च से नीती गांव तक जाने वाले मार्ग पर डबल लेन कार्य शुरू किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत बीआरओ यहां पर सात मोटर पुल बनाएगा। मलारी से नीती तक रोड को डबल लेन किया जाएगा। जिससे सेना और अन्य वाहनों की आवाजाही सुगम होगी। रोड के डबल लेन बनने से बरसात के दौरान भी सड़क बंद नहीं होगी। यहां सेना के बड़े वाहनों की आवाजाही आसानी से हो सकेगी।