उत्तराखंड कांग्रेस में चुनाव से पहले वर्चस्व की लड़ाई, नेतृत्व परिवर्तन की हलचल हुई तेज
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के समर्थक चाहते हैं कि साल 2022 के चुनाव का नेतृत्व हरदा करें। हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है।
Dec 7 2020 3:36PM, Writer:Komal Negi
साल 2022 का चुनावी रण करीब है। तमाम राजनीतिक पार्टियां जहां विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हैं, तो वहीं प्रदेश में अस्तित्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस के भीतर वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के समर्थक चाहते हैं कि साल 2022 के चुनाव का नेतृत्व हरदा करें। हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है। सभी जानते हैं कि कांग्रेस इस वक्त आपसी कलह से जूझ रही है। समय-समय पर ये वैचारिक मतभेद सामने भी आते रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई भी चरम पर पहुंच चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का खेमा चाहता है कि विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाए। हरदा भी पूरी तैयारी किए बैठे हैं। वो अपनी सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं और काम-काज को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। आगे पढ़िए
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हरदा विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनके विरोधी ऐसा होने नहीं देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच की तल्खी भी जगजाहिर है। पिछले दिनों जब वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अगला विधानसभा चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया था, तब भी कांग्रेस के बीच जमकर घमासान मचा था। कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले डॉ. हरक सिंह रावत को लेकर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने नरम रुख अपनाया था तो वहीं इसे लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने इशारों-इशारों में कड़ी आपत्ति भी जता दी थी। अब जिस तरह के हालात दिख रहे हैं, उसे देख लगता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के भीतर वर्चस्व की लड़ाई और तेज होने वाली है।
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खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी नाम लिए बगैर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को लेकर कई बार खरी-खरी कही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने को लेकर हरदा ने कहा कि अगर किसी को मेरी जरूरत होगी तो मैं उनके बुलावे पर जाऊंगा और उनका नेतृत्व भी करूंगा। ये अच्छी बात है कि हमारी विकास की योजनाओं को कुछ लोग याद तो करते हैं, नहीं तो मुझको यह सुनने को मिलता है कि 70 में से 11 सीटें लेकर आये, थराली चुनाव हार गए। इस तरह हरदा ने एक बार फिर विरोधियों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जो भी काम किए उसी को लेकर वो जनता के बीच जाएंगे और अपनी बात रखेंगे। हालांकि लगातार गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस 2022 के रण की तैयारी कैसे कर पाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।